चेन्नई. करूर में अभिनेता-राजनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेट्री कझगम (टीवीके) की रैली में हुई भगदड़ के बाद मौतों की संख्या रविवार को 40 तक पहुंच गई। 31 वर्षीय कविन की करूर सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद यह आंकड़ा बढ़ा। इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर टीवीके ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।रविवार को टीवीके के अधिवक्ताओं के एक समूह ने पार्टी के अधिवक्ता प्रकोष्ठ अध्यक्ष एस अरिवाझगन के नेतृत्व में जस्टिस एम दंडपाणि के ग्रीनवेज रोड स्थित आवास पर पहुंचकर सीबीआइ या विशेष जांच दल से जांच की मांग की। इसके विकल्प के तौर पर कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध भी किया गया। टीवीके पदाधिकारी निर्मल कुमार के अनुसार, न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं से मदुरै पीठ में याचिका दायर करने को कहा है, जिस पर सोमवार दोपहर 2:15 बजे सुनवाई होगी।
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने स्पष्ट किया कि रिटायर्ड जज अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में बनी आयोग घटना की जांच के लिए करूर पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री एम के स्टालिन आवश्यक कदम उठाएंगे। उदयनिधि ने विदेश दौरा बीच में छोड़कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों से अस्पताल में मुलाकात की। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यन सहित कई मंत्री मौजूद थे।उदयनिधि ने कहा, "आयोग प्रभावित लोगों से बात करेगा और अपनी रिपोर्ट देगा। उसकी सिफारिशों के आधार पर मुख्यमंत्री उचित कार्रवाई करेंगे।" उपमुख्यमंत्री ने बताया कि घायलों के इलाज के लिए पड़ोसी जिलों से 345 से अधिक डॉक्टर और नर्स तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, "सरकार पीड़ितों को हर संभव सहायता देगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।"
सोशल मीडिया पर उपमुख्यमंत्री ने लिखा कि उन्होंने अन्य अस्पतालों में भर्ती घायलों की भी जानकारी मांगी है। स्वास्थ्य मंत्री, पूर्व राज्य मंत्री सेंथिल बालाजी और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी घायलों को विशेष देखभाल और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले।
दूसरी ओर, करूर पश्चिम जिला स्थित टीवीके का कार्यालय शनिवार रात से बंद है। जिला सचिव वी.पी. मथियालगन समेत अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के फोन बंद हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने स्वीकार किया कि कई पदाधिकारी अपने परिवार के साथ घबराकर मौके से भाग गए, जिससे मदद मांग रहे लोग असहाय रह गए। डीएमके, एआईएडीएमके सहित अन्य दलों के नेता और मुख्यमंत्री अस्पताल व शवगृह पहुंचे, जबकि टीवीके के वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, मृतकों में कोई टीवीके सदस्य नहीं है, हालांकि एक कार्यकर्ता एस. मुरुगन घायल अवस्था में भर्ती है। हाई कोर्ट में सीबीआई जांच की मांग के बावजूद, किसी वरिष्ठ टीवीके नेता ने घायलों या पीड़ित परिवारों से मुलाकात नहीं की। इससे पार्टी की सांगठनिक कमजोरी उजागर हुई है। इससे पहले रात में ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तिरुचि के लिए उड़ान भरी थी और प्रभावितों से भेंट कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। सीएम ने रविवार को भी अस्पतालों का दौरा किया और उपचाररत घायलों से कुशलक्षेम पूछी।
घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपणए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इससे पहले विजय ने प्रत्येक मृतक परिवार को 20 लाख रुपए और घायलों को 2 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया। तमिलनाडु सरकार भी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपए देगी।
करूर में टीवीके की रैली में भगदड़ अव्यवस्था और अप्रत्याशित हालात का परिणाम थी। टीवीके द्वारा विजय के जल्दी आने की घोषणा होते ही सुबह 11 बजे से लोग जमा होने लगे, जबकि विजय 7:40 बजे पहुंचे। भीड़ को घंटों तेज धूप में बिना पर्याप्त भोजन-पानी के इंतजार करना पड़ा। आयोजकों ने 10,000 लोगों के आने की संभावना जताई थी, लेकिन 27,000 से अधिक लोग पहुंचे, जबकि पुलिस की तैयारी 20,000 के लिए थी। संकरी सार्वजनिक सड़क पर कार्यक्रम होने से भीड़ नियंत्रण संभव नहीं हो सका। पुलिस ने अपनी चिंताएं जताई थीं, लेकिन वे केवल सहयोग के लिए मौजूद थे, आयोजन की पूरी जिम्मेदारी टीवीके की थी। विजय के पहुंचते ही भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई, जिससे यह हादसा हो गया। सरकार और विभिन्न दलों की प्रतिक्रियाओं के बीच घटना की स्वतंत्र जांच और पीड़ितों को राहत उपलब्ध कराने के प्रयास तेज हो गए हैं।
भीड़ प्रबंधन में चूक, डीजीपी ने बताई प्रमुख खामियां
डीजीपी जी वेंकटरमण ने रविवार सुबह मीडिया से वार्ता में कहा कि इस हादसे की वजह भीड़ प्रबंधन में कई अहम चूक रहीं।
कार्यक्रम के लिए आधिकारिक अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक की थी, लेकिन टीवीके के ट्विटर हैंडल से विजय के दोपहर 12 बजे पहुंचने की घोषणा कर दी गई। इससे सुबह 11 बजे से ही भारी भीड़ जमा हो गई। विजय निर्धारित समय से काफी देर, रात 7:40 बजे पहुंचे, जिससे भीड़ को आठ घंटे से ज्यादा इंतजार करना पड़ा।डीजीपी ने कहा, “हम किसी को दोष नहीं दे रहे, सिर्फ तथ्य बता रहे हैं।” उन्होंने बताया कि पुलिस ने आयोजकों को कई बार आगाह किया था, लेकिन वे सिर्फ सहयोग की भूमिका में थे, मुख्य प्रबंधक नहीं। विजय के पहुंचने पर भीड़ उनके पीछे दौड़ पड़ी, जिससे हालात बेकाबू हो गए। पुलिस ने विजय को सुरक्षित निकाला, लेकिन मैदान पर स्थिति संभल नहीं सकी।तमिलनाडु सरकार ने हादसे की जांच के लिए आयोग गठित किया है। एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) डेविडसन देवाशीर्वादम समेत कई शीर्ष अधिकारी, 2,000 से अधिक पुलिसकर्मी करूर में तैनात किए गए हैं। डीजीपी वेंकटरमण ने कहा कि भीड़ प्रबंधन में खामियां और आयोजन स्थल की सीमित जगह हादसे का बड़ा कारण बनीं।
67 मरीजों का अस्पताल में इलाज जारी
तमिलनाडु स्वास्थ्य सचिव पी सेंथिल कुमार ने बताया कि मृतकों में 17 महिलाएं, 13 पुरुष, 4 बालक और 5 बालिकाएं शामिल हैं। 30 शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा गया है। 67 लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनमें से 2 की हालत गंभीर है, बाकी सभी स्थिर हैं। 26 लोगों का ओपीडी में उपचार कर छुट्टी दे दी गई। एक मरीज को मदुरै अस्पताल भेजा गया है।
करूर में 27 सितम्बर को टीवीके संस्थापक विजय की राजनीतिक रैली में भगदड़ के दौरान घायल एक व्यक्ति ने रविवार को मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने की मांग की गई है कि शनिवार की घातक घटना की पूरी जांच, जिम्मेदारी तय करने और प्रभावी सुरक्षा उपाय लागू होने तक पार्टी नेता द्वारा किसी सार्वजनिक सभा की अनुमति न दी जाए।
Published on:
28 Sept 2025 09:14 pm
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