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हाई स्कूल ग्रेजुएट्स को सशक्त बनाने की पहल

जयपुर में एचसीएल टेक का टेक बी

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जयपुर में एचसीएल टेक का टेक बी
जयपुर. वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी एचसीएल टेक जयपुर के हाई स्कूल स्नातकों को अपने टेक बी अर्ली करियर प्रोग्राम में शामिल करने और उन्हें प्रौद्योगिकी उद्योग में करियर बनाने का अवसर देने की योजना बना रही है। टेक बी हाई स्कूल स्नातकों के लिए डिज़ाइन की गई एक परिवर्तनकारी पहल है। यह एक अनूठा 'सीखते हुए कमाएँ' मॉडल है जो व्यावहारिक तकनीकी प्रशिक्षण को उच्च शिक्षा के साथ जोड़ता है। यह कार्यक्रम छात्रों को उद्योग से संबंधित कौशल सिखाता है और उन्हें शैक्षणिक उन्नति के लिए सक्षम बनाता है, जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक करियर की नींव रखी जा सके।
यह कार्यक्रम प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से विकसित जनरेटिव एआई और साइबर सुरक्षा में विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है। ये पहल इस तरीके से डिज़ाइन की गई है जिससे पूरे भारत में उच्च-गुणवत्ता वाले तकनीकी करियर तक पहुँच का विस्तार हो सके। टेक बी स्नातक पहले से ही एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उन्नत क्षेत्रों में प्रभावशाली योगदान दे रहे हैं और एचसीएल टेक के फॉर्च्यून 500 ग्राहकों को सेवाएं दे रहे हैं। प्रशिक्षण के शुरुआती दौर में ही प्रतिभागी वजीफा मिलने लगता है, जिसकी बदौलत वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के कुछ ही महीनों के भीतर अपने परिवार को आर्थिक सहयोग देना शुरू कर देता है।
एचसीएल टेक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुब्बारामन बी ने कहा, टेक बी कौशल विकास पहल से कहीं बढ़कर है—यह महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए तकनीक के क्षेत्र में सार्थक करियर बनाने का एक मंच है। BITS पिलानी, IIT गुवाहाटी, शास्त्र विश्वविद्यालय, एमिटी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन, IIT कोट्टायम और IIM सिरमौर जैसे संस्थानों के साथ रणनीतिक साझेदारी प्रशिक्षुओं को स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त करने, एक से दूसरे स्थान पर जाने का खर्च घटाने और वित्तीय आजादी बढ़ाने का मौका देती है।
टेक बी समावेशन के लिए मुख्य स्त्रोत के रूप में लगातार काम कर रहा है और प्रतिभागियों के एक विविध समूह को आकर्षित कर रहा है। इसमें बड़ी संख्या में पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी और महिलाएं शामिल हैं, जो उद्योग मानकों से कहीं ऊपर हैं। यह कार्यक्रम राज्य सरकार की पहलों के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है और भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के दृष्टिकोण का भी समर्थन करता है।