शकील खान
भोपाल। हजयात्रा की सुविधा में प्रदेश को बड़ा झटका लगा है। भोपाल का नाम हज के embarkation point की सूची से हटा दिया है। इसके साथ ही हज की इंटरनेशनल फ्लाइट यहां से बंद हो जाएगी। इस फैसले को भोपाल और यहां की जनता से धोखा बताया जा रहा है। लोगों का आरोप हैं शहर को पीछे करने के लिए यह साजिश का हिस्सा है। हज की इंटरनेशनल फ्लाइट अब केवल इंदौर से रवाना होगी।
सेंट्रल हज कमेटी ने हजयात्रा से जुड़ी गाइड लाइन जारी कर दी है। इसमें इम्बारकेशन पाइंट भी तय किया है। इसमें पिछले साल के मुकाबले बदलाव है। मप्र प्रदेश से भोपाल का नाम इस सूची से हटा दिया गया। केवल इंदौर को इम्बारकेशन पाइंट बनाया गया है। सूची में देश के 17 शहरों के नाम हैं।
हज कमेटी के इस फैसले का शहर के संगठनों ने विरोध किया है। आल इंडिया हज वेलफेयर सोसायटी के मोहम्मद तौफीक के मुताबिक भोपाल से सीधे मक्का और मदीना पहुंचने का रास्ता इससे बंद हो गया है। राजधानी होने के बाद भी शहर से यह सुविधा छीनना शहरवासियों के साथ अन्नाय हैं। मुस्लिम महासभा के मुनव्वर अली ने आशंका जताई कि इसमें भोपाल को पीछे करने की साजिश है। अगर यात्री संख्या के आधार पर निर्णय हुआ तो भोपाल और इंदौर से लगभग बराबर यात्री गए हैं। ऐसे में भोपाल से सुविधा छीनने के क्या मायने।
संगठनों के मुताबिक यह निर्णय अगर यात्रियों की कम संख्या के कारण हुआ तो इसके लिए सेंट्रल हज कमेटी जिम्मेदार हैं। कमेटी से मुम्बई के मुकाबले भोपाल का किराया ज्यादा तय किया। ये लगातार तीन साल तक रहा। अंतर साठ हजार रुपए तक था। इसके कारण लोग कम हो गए। ऐसे में इसमें लोगों गलती नहीं है बल्कि नीतियों की खामियां हैं।
हजयात्रा के ये पाइंट
श्रीनगर, गया, गुवाहाटी, इंदौर, जयपुर, नागपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, कालीकट।
भोपाल को हज के इंम्बारकेशन पाइंट से हटाना गलत है। इसका विरोध करते हैं। सेंट्रल हज कमेटी के सामने यह आपत्ति लगाई जा रही है। साथ ही सरकार को भी इसके संबंध में लिखा जाएगा। पाइंट फिर से शुरू करने की कोशिश होगी।
रफतवारसी, अध्यक्ष स्टेट हज कमेटी
Published on:
14 Jul 2025 11:09 pm