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नशे की दवा तस्करी: दो तस्करों को बीस-बीस साल कठोर कैद, चार-चार लाख रुपए का जुर्माना, तीसरा मफरूर घोषित

- श्रीगंगानगर: छह साल पहले पुरानी आबादी पुलिस ने की थी धरपकड़

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श्रीगंगानगर. नशे के रूप में इस्तेमाल ट्रामाडॉल की गोलियों की खेप तस्करी करने के मामले में अदालत ने दो युवकों को दोषी मानते हुए बीस-बीस साल कठोर कारावास व चार-चार लाख रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है। जबकि तीसरे आरोपी के गैर हाजिर रहने पर अदालत ने उसे मफरूर घोषित कर दिया। वहीं चौथे आरोपी को अभियोजन पक्ष के ठोस साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। यह निर्णय शुक्रवार को एनडीपीएस प्रकरणों की स्पेशल कोर्ट के स्पेशल जज अजय कुमार भोजक ने सुनाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक विजेन्द्र घिंटाला ने बताया कि 22 जुलाई 2019 की रात करीब आठ बजे पुरानी आबादी के तत्कालीन थानाधिकारी दिगपाल सिंह की अगुवाई में पुलिस दल ने ए माइनर कुंज विहार सैकिंड के पास दो युवकों पर संदेह हुआ। इन युवको ने पुलिस दल को देखकर भागने का प्रयास किया लेकिन काबू में आ गए। इनकी पहचान मुकलावा थाना क्षेत्र गांव कीकरवाली हाल एलआईसी कॉलोनी श्रीगंगानगर निवासी अमन कुमार जाट और गांव कीकरवाली निवासी देवकरण छींपा के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी अमन कुमार के कब्जे से नशे की दवा ट्रामाडोल के दस डिब्बों में कुल 2500 टेबलेट बरामद की। इन टेबलेट का वजन करीब एक किलोग्राम आया। वहीं आरोपी देवकरण के कब्जे से पांच डिब्बों में 1250 टेबलेट बरामद की। इस दवा का वजन करीब आधा किलो हुआ। पुलिस पूछताछ में आरोपी देवकरण ने बताया कि यह टेबलेट उसने आरेापी अमन से खरीद की थी। जबकि आरेापी अमन ने यह दवाइ की खेप बाड़मेर निवासी बाबूलाल बेनीवाल से मंगवाई थी। उसने बताया कि वह बाबूलाल के बैंक खाते में रुपए जमा करवा देता है। बाबूलाल नशे के काम आने वाली इन दवाओं की खेप रोडवेज बस में कार्टून में भेजता है। पुलिस ने बाबूलाल और अमन के बीच वटसअप पर हुई चैटिंग को भी साक्ष्य के रूप में शामिल किया। इस धंधे में रोहिड़वाली गांव निवासी सुनील बिश्नेाई उर्फ परदेसी की भूमिका भी बताई। आरोपी अमन के पार्टनर के रूप मे सुनील भी यह दवाइयां मंगवाता था। अदालत ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 8-22 और धारा 29 में दोषी मानते हुए आरोपी अमन कुमार जाट और देवकरण छींपा को बीस-बीस साल कठोर कारावास और चार-चार लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि जमा नहीं कराने पर दो-दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं आरोपी सुनील कुमार को दोषमुक्त कर दिया लेकिन आरोपी बाबूलाल को मफरूर यानि भगौड़ा घोषित कर दिया।