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OPS के BJP से गठबंधन तोड़ने से पहले भी Stalin और बाद भी Stalin! तमिलनाडु में सियासी माजरा 

तमिलनाडु की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। केंद्र सरकार के खिलाफ विरोधी तेवर दिखाने के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक से बर्खास्त ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति (एसीआरसीसी) ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से रिश्ता तोड़ लिया है। यह सनसनीखेज फैसला […]

OPS-CM STALIN MEET

तमिलनाडु की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। केंद्र सरकार के खिलाफ विरोधी तेवर दिखाने के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक से बर्खास्त ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति (एसीआरसीसी) ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से रिश्ता तोड़ लिया है। यह सनसनीखेज फैसला चेन्नई में समिति की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। ओपीएस के इस कदम ने तमिलनाडु की राजनीति में नए समीकरणों की अटकलों को हवा दे दी है। इससे पहले सुबह सैर के वक्त ओपीएस ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भेंट की थी। इसके बाद गठबंधन तोड़ने की घोषणा की और फिर रात को दोबारा सीएम से उनके आवास पर मिले।

ओपीएस के करीबी और एसीआरसीसी के सलाहकार पनरुटी एस. रामचंद्रन ने दिन में पत्रकारों से बातचीत में खुलासा किया कि गठबंधन तोड़ने का फैसला कई कारणों से लिया गया, जो 'सबको पहले से पता हैं।' प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सीएम ओपीएस ने राजग से अलग होने पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'पनरुटी रामचंद्रन की बात सुनें, वही सब बता देंगे।'सूत्रों की मानें तो राजग के साथ तनाव की मुख्य वजह ओपीएस की अनदेखी थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमिलनाडु यात्रा के दौरान ओपीएस को उनसे मिलने का मौका नहीं दिया गया, जिससे वे नाराज थे।

तीन महत्वपूर्ण निर्णय

बैठक में तीन महत्वपूर्ण निर्णय किए गए जिनमें समिति ने तुरंत प्रभाव से गठबंधन छोड़ने का फैसला किया। साथ ही यह तय हुआ कि ओपीएस जल्द ही तमिलनाडु में एक बड़ा अभियान शुरू करेंगे, जिससे उनकी सियासी सक्रियता बढ़ेगी। फिलहाल एसीआरसीसी किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। भविष्य में परिस्थितियों के आधार पर गठबंधन का फैसला लिया जाएगा।

पहले सुबह और फिर रात में मिले सीएम स्टालिन से

जब पत्रकारों ने ओपीएस से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ उनकी हालिया मुलाकात के बारे में पूछा, तो उन्होंने इसे महज संयोग बताया। उन्होंने कहा, 'मैं चेन्नई में रहते हुए थियोसोफिकल सोसाइटी में सुबह की सैर के लिए जाता हूं। आज सुबह वहां सीएम स्टालिन भी आए थे, और हमारी मुलाकात हुई। बस इतना ही।' लेकिन भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद कुछ घंटों बाद ही ओपीएस अपने बेटे रविन्द्रनाथ के साथ रात के वक्त मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से उनके आवास पर मिले। उस वक्त उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन भी साथ थे। ओपीएस ने इसे शिष्टाचार के नाते भेंट बताते हुए कहा कि वे सीएम की कुशलक्षेम पूछने आए थे। उन्होंने अपने पत्ते खुले रखते हुए कहा कि राजनीति में कोई स्थाई मित्र अथवा शत्रु नहीं होता।