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अहमदाबाद बनेगा 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स का संभावित मेजबान

वर्ष 1930 से शुरू हुए कॉमनवेल्थ खेलों की शताब्दी का आयोजन अब अहमदाबाद में होने की संभावना है।

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narendra modi stadium

नरेन्द्र मोदी स्टेडियम

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एक्जीक्यूटिव बोर्ड ने वर्ष 2030 में आयोजित होने वाले 24वें कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारत को मेजबानी देने की सिफारिश की है। बोर्ड ने गुजरात के अहमदाबाद शहर को इस ऐतिहासिक खेल आयोजन की मेजबानी के लिए समर्थन दिया है। यह सिफारिश नवंबर 2025 में होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की जनरल असेंबली के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

इस अनुशंसा को देश के खेल क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 1930 से शुरू हुए कॉमनवेल्थ खेलों की शताब्दी का आयोजन अब अहमदाबाद में होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने की दूरदर्शिता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के प्रयासों के कारण भारत खेलों के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह मोदी के सतत प्रयासों का परिणाम है। मजबूत खेल अधोसंरचना और खिलाड़ियों के विकास के कारण ही भारत को यह सम्मान प्राप्त होने जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह गुजरात और भारत दोनों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता की सराहना की और अहमदाबाद के चयन के बोर्ड के फैसले का स्वागत किया।

कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष डॉ. पी.टी. उषा ने 100वें कॉमनवेल्थ गेम्स को गेम्स फॉर द फ्यूचर बताया। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में होने वाले खेल स्थिरता, समावेशिता और नवाचार पर आधारित होंगे, जिससे कॉमनवेल्थ की अगली सदी मजबूत होगी।

केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि अहमदाबाद में 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के बढ़ते नेतृत्व और खेलों को जोड़ने वाली शक्ति को दर्शाएंगे। गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी ने भी इसे भारत और गुजरात के लिए गौरव का क्षण बताया।

बोर्ड ने भारत सरकार, गुजरात सरकार और कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से प्रस्तुत आयोजन प्रस्ताव की सराहना की। वर्ष 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स भारत की वैश्विक खेल महत्वाकांक्षा को और मजबूत करेंगे तथा शहरी नवाचार, युवाओं की भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देंगे।