
आबूरोड. गांधीनगर ओवर ब्रिज, जिसके निकट अंडरब्रिज प्रस्तावित है।
आबूरोड. शहर के पुराने गांधीनगर रेलवे फाटक के पास रोड अंडर ब्रिज बनाने में जिम्मेदारों की ओर से लेटलतीफी की जा रही है। जबकि ब्रिज की ड्राइंग को स्वीकृति मिले करीब चार साल बीत चुके हैं। ब्रिज निर्माण में जितना ज्यादा विलंब होगा, उतनी उसकी लागत बढ़ती जाएगी। इससे सरकार को राजस्व की हानि होगी। वहीं, शहरवासी आवागमन संबंधी समस्या झेलते रहेंगे।
रेलवे प्रशासन ने आबूरोड-मावल के बीच आबूरोड के पुराने गांधीनगर फाटक संख्या-132 के पास रोड अंडर ब्रिज की स्वीकृति प्रदान थी। जिसमें सिग्नल शाखा ने कैबल की प्रोटेक्शन व्यवस्था करके ही अंडरब्रिज बनाने की अनुमति दी थी।
फाटक पर ओवर ब्रिज तो बन गया, लेकिन अंडर ब्रिज का मामला आज भी लंबित है। उल्लेखनीय है कि आबूरोड नगरपालिका के पार्षद रितेष सिंह चौहान ने वर्ष 2024 में सूचना अधिकार में आवेदन कर ब्रिज को लेकर आवश्यक जानकारी मांगी। जिसमें खुलासा हुआ कि वर्ष 2021 में ही अंडरब्रिज की ड्राइंग को स्वीकृति मिल चुकी थी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अंडर ब्रिज को लेकर राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कॉरपोरेशन के अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस पर रेलवे ने करीब 1 करोड़ 50 लाख का टेंडर निकाला था। गुजरात की एक ठेकेदार फर्म ने 50 प्रतिशत ज्यादा राशि भर दी। इस पर कॉरपोरेशन ने टेंडर निरस्त कर दिया था।
गांधीनगर फाटक पर निर्मित ओवरब्रिज पर चढ़ाई के दौरान वृद्ध और दिव्यांग लोगों के साथ विभिन्न बीमारियों से लंबे समय जूझ रहे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है।
ट्राई साइकिल पर जाने वाले दिव्यांगों को तो दूसरे लोग सहारा देते हैं, तब जाकर वे चढ़ाई पार कर पाते हैं। ब्रिज बन जाए तो विशेष रूप से गांधीनगर क्षेत्र के बाशिंदों को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन अभी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
अंडरब्रिज निर्माण में पालिका हर संभव सहयोग को तैयार है। पूर्व में अधिकारियों ने प्रस्तावित ब्रिज स्थल का निरीक्षण किया था। मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखे हैं। रेलवे अधिकारियों से ब्रिज निर्माण का आग्रह कर चुके हैं।
मगनदान चारण, पालिकाध्यक्ष, आबूरोड
Updated on:
05 Aug 2025 04:23 pm
Published on:
05 Aug 2025 04:22 pm
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