
देश में मानसून सीजन के बाद अक्टूबर माह की बारिश ने दूसरी बार बीस साल की औसत बारिश के रेकार्ड तोड़ दिए हैं। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बीते 20 सालों में अक्टूबर माह के दौरान औसत बारिश 74 एमएम रही है, लेकिन इस साल अक्टूबर में 106 एमएम (44 प्रतिशत अधिक) बारिश हो गई। 
अक्टूबर माह में 20 राज्यों (केन्द्र शासित प्रदेश भी) में ज्यादा बारिश हुई। इससे पहले साल देश में साल 2019 के अक्टूबर माह में 109 एमएम (47 प्रतिशत अधिक) बारिश दर्ज हुई थी।
इस बार बंगाल की खाड़ी व अरब सागर में बार-बार हवाओं के निम्र दबाव क्षेत्र बनने से तटीय राज्यों से लेकर मध्य भारत, उत्तर-पश्चिम व दक्षिण भारत के क्षेत्रों में खूब पानी बरसा। माह के आखिर में चक्रवाती तूफान मोंथा के कारण तटीय राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। 
अक्टूबर माह की बारिश का असर अब देश की सर्दी के मौसम पर भी पड़ेगा। उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में सर्दी की दस्तक हो गई हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार देश के उत्तर-पश्चिम व मध्य भारत में रेकॉर्ड तोड़ कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। यहां न्यूनतम पारा जीरो से माइनस 5 डिग्री तक जा सकता है। ठंडी हवाओं का दौर लम्बे समय तक चलेगा।
राजस्थान व मध्यप्रदेश भीगते रहे-
राज्य -------औसत----अक्टूबर बारिश---ज्यादा प्रतिशत
दिल्ली---- 12.7----73.3---477 प्रतिशत
राजस्थान---10.8 ---55.2---412 प्रतिशत
गुजरात----19.4----72.3----273 प्रतिशत
मध्यप्रदेश---32.3---62.01--92 प्रतिशत
छत्तीसगढ़---60.1----96.90---62 प्रतिशत
पिछले सालों में अक्टूबर की बारिश : एक नजर
साल--------अक्टूबर बारिश-------ज्यादा प्रतिशत
2019----109.60---47 प्रतिशत
2020-----98.2---32 प्रतिशत
2021-----92.5----24 प्रतिशत
2022----75------1 प्रतिशत
2023---74------बराबर
2024---78--------4 प्रतिशत
2025- 74.1----106.8---44 प्रतिशत
(बारिश के आंकड़े एमएम में )
रबी फसलों को होगा फायदा-
पोस्ट मानसून बारिश का दौर जारी रहने से कुछ राज्यों में रबी की बुवाई में देरी हुई हैं। देश में निर्धारित रबी लक्ष्य 637 लाख हेक्टेयर के बुवाई क्षेत्र में से 27 अक्टूबर तक 27.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही बुवाई हुई। जहां बुवाई हो गई, वहां अधिक बारिश से नुकसान की आशंका है। लेकिन जिन अधिकतर हिस्सों में बुवाई शेष है। वहां बारिश से आगामी दिनों में देरी से बोई जाने वाली फसलों को फायदा होगा।
मानसून सीजन में टूटा था रेकार्ड-
इस साल मानसून सीजन में भी देश की बारिश ने पिछले 49 साल का रेकार्ड तोड़ दिया था। कई राज्यों में बाढ़ के हालात बने थे। मानसून सीजन (जून से सितंबर) में औसत 868 एमएम की तुलना में 937 एमएम यानी लगभग 8 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी। तब 32 राज्यों में औसत से ज्यादा बारिश का कोटा जुलाई में ही पूरा हो गया था।
इन राज्यों में ज्यादा बारिश : जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुदुचेरी, लक्षद्वीप, गोवा, दादरा व नगर हवेली।
औसत से कम : लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय व मणिपुर।
यहां सामान्य बारिश : सिक्किम, असम, नगालैंड, महाराष्ट्र, अंडमान एण्ड निकोबार, केरल व कर्नाटक।
Published on:
31 Oct 2025 04:45 am
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