Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मेडिकल कॉलेज में पहली काउंसलिंग में पीजी के नहीं मिले छात्र

काउंसलिंग पोर्टल से भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज का नाम गायब

2 min read
Google source verification
PG students not found in medical college

PG students not found in medical college

राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम पर वर्ष 2018 में शुरू हुए भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में संचालित 25 पोस्ट ग्रेजुएट सीटें इस सत्र से समाप्त कर दी गई हैं। इस कारण कॉलेज का नाम राजस्थान पीजी काउंसिलिंग पोर्टल से भी गायब हो गया है।

इससे मेडिकल कॉलेज की प्रगति पर फिलहाल ब्रेक लग गए हैं। इसका खामियाजा एमजीएच अस्पताल को भुगतना पड़ सकता है। हालांकि कॉलेज की प्रिंसिपल वर्षा सिंह का दावा है कि प्रथम काउंसलिंग में कोई भी नहीं आया है, लेकिन दूसरी या तीसरी काउंसलिंग में बच्चे मिलने की संभावना है।

महात्मा गांधी अस्पताल की सेवाओं को झटका

भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज से संबद्ध महात्मा गांधी अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच पीजी रेजिडेंट डॉक्टर अस्पताल की सेवाओं की रीढ़ रहे हैं। इन सीटों के समाप्त होने से अब ऑपरेशन थिएटर, आपातकालीन सेवाएं, वार्ड प्रबंधन और लैब परीक्षणों पर दबाव बढ़ेगा। चिकित्सा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीजी रेजिडेंट्स की अनुपस्थिति से अस्पताल की सेवा प्रणाली कमजोर होगी।

2018 में मिली थी मान्यता, अब खत्म हुआ कोर्स संचालन

विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज को 2018 में एमसीआई की स्वीकृति के बाद शुरू किया गया था। शुरुआत में ही कॉलेज ने पीजी कोर्स शुरू कर राज्य के नए मेडिकल कॉलेजों में अग्रणी स्थान बनाया था।

स्थिति चिंताजनक

राजस्थान चिकित्सा शिक्षा परिषद के पूर्व सदस्य व एक डॉक्टर ने कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है। नए मेडिकल कॉलेजों में पीजी कोर्स की निरंतरता बनाए रखना आवश्यक है ताकि चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बरकरार रहे। राज्य सरकार को तत्काल हस्तक्षेप कर सीटें पुन: स्वीकृत करानी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो भीलवाड़ा के लिए बड़ा नुकसान होगा।

छात्रों और चिकित्सकों में निराशा का माहौल

कॉलेज के पीजी छात्र व संकाय सदस्य इस निर्णय से खासे निराश हैं। उनका कहना है कि पिछले सात सालों की मेहनत से कॉलेज ने पहचान बनाई थी। अगर पीजी सीटें ही खत्म हो जाएंगी, तो संस्थान की अकादमिक प्रगति रुक जाएगी और एमबीबीएस छात्रों को उच्च अध्ययन का अवसर नहीं मिलेगा।

पांच विषयों में पढ़ाई ठप, जूनियर रेजिडेंट नहीं

मेडिकल कॉलेज में अब तक सर्जरी, माइक्रोबायोलॉजी, एनेस्थीसिया, फैमिली मेडिसिन और फिजियोलॉजी विषयों में एमडी या एमएस स्तर के कोर्स संचालित हो रहे थे। इन सभी विषयों में 25 जूनियर रेजिडेंट सीटें स्वीकृत थीं। लेकिन इस वर्ष पहले राउंड की काउंसिलिंग पूरी होने के बाद कॉलेज की सीटें सूची से हटा दी गईं। अब कॉलेज में कोई नए एमबीबीएस डॉक्टर पीजी कोर्स में प्रवेश नहीं ले सकेंगे। वर्तमान में प्रथम और द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत रेजिडेंट्स के नीचे कोई जूनियर रेजिडेंट नहीं रहेगा।

भीलवाड़ा से पहले अन्य कॉलेज का चयन

छात्र भीलवाड़ा कॉलेज से पहले अन्य कॉलेज का चयन करता है। उसके बाद ही भीलवाड़ा के लिए आवेदन करते हैं। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन तीसरी व चौथी काउंसलिंग में बच्चे मिले थे। इस बार भी पहली काउंसलिंग में बच्चों ने भीलवाड़ा कॉलेज का चयन नहीं किया। अगले माह होने वाली काउंसलिंग में बच्चे आने की संभावना है। कॉलेज का नाम पोर्टल पर है।

वर्षा सिंह. प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा