Delhi Court: दिल्ली की एक अदालत ने विवाहित पुरुष को परेशान करने वाली महिला को उसके पास आने या उससे संपर्क करने से रोक दिया है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि महिला पुरुष के फ्लैट के 300 मीटर के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकती है। इसके अलावा वह सोशल मीडिया, मोबाइल और किसी तीसरे व्यक्ति के माध्यम द्वारा भी पुरुष से संपर्क नहीं करेगी। यह मामला तब सामने आया, जब एक विवाहित बुजुर्ग ने अदालत में याचिका दायर कर महिला पर पीछा करने और शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने का आरोप लगाया।
दिल्ली की रोहिणी जिला अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान सिविल जज रेणु ने आदेश पारित किया। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित विवाहित बुजुर्ग ने अदालत में याचिका दायर कर बताया कि साल 2019 में उसकी एक आश्रम में महिला से मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों में धीरे-धीरे बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। साल 2022 में महिला ने उसके सामने शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसे उसने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि वह बूढ़ा और शादीशुदा है। इसके अलावा उसके उम्रदराज बच्चे भी हैं। ऐसे में वह उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बना सकता।
बुजुर्ग ने कोर्ट को बताया कि उसके प्रस्ताव पर असहमति जताते के बाद भी महिला ने उसका पीछा करना नहीं छोड़ा। उसने सोशल मीडिया के माध्यम से न केवल उस व्यक्ति को बल्कि उसके बच्चों को भी परेशान करना शुरू कर दिया। यहीं नहीं, महिला कई बार उसके घर तक पहुंच गई और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाने लगी। याचिका में यह भी कहा गया कि महिला ने उसे धमकी दी कि अगर उसने उसे नजरअंदाज किया तो वह आत्महत्या कर लेगी।
बुजुर्ग की याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज रेणु ने कहा कि महिला का यह व्यवहार उस पुरुष के जीवन जीने की स्वतंत्रता और निजता के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की हरकतें न केवल मानसिक उत्पीड़न का कारण बनती हैं, बल्कि इससे व्यक्ति को अपूरणीय क्षति भी हो सकती है। इसके साथ ही अदालत ने महिला के खिलाफ सख्त आदेश पारित करते हुए कहा कि वह अब उस पुरुष या उसके परिवार के किसी सदस्य से किसी भी माध्यम से कोई संपर्क नहीं कर सकती और अगर ऐसा किया गया तो उसके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पुरुष की सुरक्षा और निजता को ध्यान में रखते हुए महिला को उसके फ्लैट के 300 मीटर के दायरे में आने से मना कर दिया। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि महिला व्यक्ति से और उसके परिवार के किसी भी सदस्य से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संपर्क नहीं कर सकती है। यानी महिला याचिकाकर्ता से मोबाइल, सोशल मीडिया मंच समेत किसी तीसरे व्यक्ति के माध्यम से भी संपर्क नहीं कर सकती है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर दोबारा पुरुष ने महिला के खिलाफ शिकायत की तो उसपर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
30 Jul 2025 11:37 am
Published on:
30 Jul 2025 11:26 am