मोदी सरकार पर अरविंद केजरीवाल ने किया करारा हमला।
Arvind Kejriwal: अमेरिका ने भारतीय प्रोफेशनल्स को करारा झटका देते हुए H-1B वीजा आवेदनों की फीस में भारी बढ़ोतरी की है। अब इस वीजा के लिए आवेदन करने पर 1 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) की वार्षिक फीस देनी होगी। यह शुल्क 21 सितंबर से लागू होगा। अभी तक H-1B वीजा फीस 1 से 6 लाख रुपए के बीच होती थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी इस आदेश को लेकर भारत में सियासत गरमा गई है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और नौकरीपेशा वर्ग के लिए “भारी झटका” बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा कटाक्ष किया है।
शनिवार को पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर लिखा गया “डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को फिर दिया झटका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘माय डियर फ्रेंड’ ने भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए H1B वीजा फीस बढ़ाकर 88 लाख रुपए कर दी है। इससे पहले ट्रंप भारत पर 50% टैरिफ भी थोप चुके हैं। ट्रंप लगातार भारत को निशाने पर ले रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार चुप्पी साधे बैठी है।”
AAP विधायक और दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने तंज कसते हुए लिखा “जो भारतीय भक्त अमेरिका में नौकरी कर डॉलर कमा रहे थे और भारत को विश्वगुरु बता रहे थे, ट्रंप अब उन्हें भारत वापस भेज रहे हैं। इससे बड़ा तोहफा प्रधानमंत्री मोदी को और क्या मिलेगा? सभी प्रियजन अब अपने विश्वगुरु के कार्यकाल का आनंद भारत में रहकर लें।” उन्होंने अपने पोस्ट के साथ ट्रंप के उस वीडियो क्लिप को भी साझा किया, जिसमें वे ‘कुछ गैर-आप्रवासी श्रमिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध’ संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए “बेहद अपमानजनक” करार दिया। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “जिन भारतीय प्रोफेशनल्स का कभी अमेरिका और यूरोप स्वागत करते थे, आज उन्हीं पर 88 लाख रुपए का शुल्क लगाकर दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। भारतीयों की ऐसी बेइज्जती और बेरुखी पहले कभी नहीं हुई। प्रधानमंत्री जी ट्रंप से फोन आने पर गदगद होकर ट्वीट करते हैं, लेकिन अब देश जानना चाहता है कि इस बड़े झटके पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है।”
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 तक सभी H1B वीजा धारकों में 71% से अधिक भारतीय मूल के हैं। इसमें कुल 2,83,397 भारतीयों को H1B वीजा स्वीकृत किया गया। इसके अलावा अमेरिका में चीनी मूल के लोगों की संख्या करीब 12% है। सबसे ज्यादा H1B वीजा धारक आईटी सेक्टर में काम करते हैं। अमेजन में 10,044, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा में 5,000 से अधिक कर्मचारी H1B वीजा पर कार्यरत हैं।
AAP का कहना है कि ट्रंप लगातार भारत को आर्थिक और पेशेवर स्तर पर निशाना बना रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। पार्टी नेताओं ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति से अपने “माय डियर फ्रेंड” वाले रिश्ते का इस्तेमाल भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के हित में करेंगे या फिर चुप्पी साधे रहेंगे।
दूसरी ओर, राजधानी दिल्ली के कई स्कूलों को शनिवार सुबह फोन कॉल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिससे छात्रों और अभिभावकों में दहशत फैल गई। जिन स्कूलों को धमकी मिली उनमें डीपीएस द्वारका, कृष्णा मॉडल पब्लिक स्कूल और सर्वोदय विद्यालय शामिल हैं। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी स्कूलों को खाली कराया और छात्रों व कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। पुलिस और बम निरोधक दस्ते मौके पर पहुंचे और तलाशी अभियान चलाया। डीपीएस द्वारका ने अपने सर्कुलर में मिड-टर्म परीक्षाएं स्थगित करने और स्कूल बंद करने की घोषणा की।
इस घटना पर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि दिल्ली के स्कूलों को बार-बार बम धमकियां मिल रही हैं, लेकिन एक साल से न कोई पकड़ा गया है और न ही कोई कार्रवाई हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चार इंजन वाली बीजेपी सरकार राजधानी की सुरक्षा तक नहीं संभाल पा रही है और माता-पिता रोज़ डर के साये में जीने को मजबूर हैं।
पुलिस का कहना है कि धमकी कॉल की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि अब तक किसी संदिग्ध वस्तु की बरामदगी नहीं हुई है। लगातार आ रही धमकियों से अभिभावक बेहद चिंतित हैं और मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
Updated on:
20 Sept 2025 03:48 pm
Published on:
20 Sept 2025 03:47 pm
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