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‘शीश महल’ पर खर्च पूरी रकम ब्याज समेत वापस लाएंगे…AAP पर फिर बरसीं सीएम रेखा गुप्ता

Sheesh mahal Controversy: सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली की जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद किया। जिस आलीशान बंगले को उन्होंने बनाया था, आज वह बेकार पड़ा है। यह जनता के साथ धोखा है।

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Sheesh mahal controversy raised again in Delhi CM Rekha Gupta targeted Arvind Kejriwal

दिल्ली में फिर गूंजा शीश महल का मुद्दा।

Sheesh mahal Controversy: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक बार फिर पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक बंगले ‘शीश महल’ का मुद्दा उठाकर आम आदमी पार्टी (आप) पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह बंगला आज भी दिल्ली सरकार के लिए एक "सफेद हाथी" साबित हो रहा है और इस पर जनता का जो पैसा खर्च हुआ, वह ब्याज समेत वापस वसूला जाएगा।

गुप्ता ने यह बयान रविवार को पांचजन्य द्वारा आयोजित ‘आधार इंफ्रा कॉन्फ्लुएंस 2025’ कार्यक्रम के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि “अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली की जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद किया। जिस आलीशान बंगले को उन्होंने बनाया था, आज वह बेकार पड़ा है। यह जनता के साथ धोखा है और हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बर्बाद हुए हर पैसे को सरकारी खजाने में वापस लाया जाए।”

विधानसभा चुनाव में गूंजा था 'शीश महल' मुद्दा

अरविंद केजरीवाल ने 2015 में पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद सिविल लाइंस स्थित 6, फ्लैगस्टाफ रोड का आधिकारिक बंगला ग्रहण किया था। यही बंगला बाद में 'शीश महल' नाम से चर्चा में आया। केजरीवाल ने सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तब तक वे इसी आवास में रह रहे थे। इस बंगले का पुनर्निर्माण और आलीशान साज-सज्जा लंबे समय तक विवादों में रही। दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने इसे जनता की गाढ़ी कमाई की बर्बादी करार देते हुए लगातार निशाना साधा। महंगे फर्नीचर, इंटीरियर और घरेलू सामान को लेकर भी कई सवाल उठे।

खर्च को लेकर विवाद

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 तक इस बंगले के पुनर्निर्माण पर लगभग 33.86 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। हालांकि, भाजपा नेताओं ने दावा किया कि वास्तविक लागत इससे कहीं ज्यादा, करीब 75-80 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी। रेखा गुप्ता ने इसी संदर्भ में कहा “दिल्ली जैसे शहर में जहां स्वास्थ्य और शिक्षा पर और निवेश की जरूरत है, वहां जनता का पैसा एक आलीशान महल पर उड़ाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारी सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही पर चलती है। इसलिए इस पैसे की भरपाई करवाई जाएगी।”

‘शीश महल’ के उपयोग का तरीका खोज रही दिल्ली सरकार

फिलहाल यह बंगला खाली पड़ा है और दिल्ली सरकार यह तय करने में जुटी है कि इसका उपयोग किस तरह किया जाए। सीएम गुप्ता ने इशारा किया कि इसे आम जनता के लिए किसी उपयोगी परियोजना में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा, “हम सोच रहे हैं कि इसे कैसे जनता के काम में लाया जाए, लेकिन इससे पहले जनता की जेब से निकली पाई-पाई ब्याज सहित वापस करवाई जाएगी।”

अब जानिए ‘शीश महल’ का पूरा मामला

'शीश महल' विवाद केवल एक बंगले का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आम आदमी पार्टी की कार्यप्रणाली और संसाधनों के इस्तेमाल पर उठे सवालों का प्रतीक बन गया है। भाजपा और अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इसे भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची का उदाहरण बताते हैं, जबकि आप की ओर से इसे अक्सर राजनीतिक हमला करार दिया जाता रहा है। अब गुप्ता के नए बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली की मौजूदा सरकार इस मुद्दे को राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर आगे बढ़ाने के मूड में है।