
नई दिल्ली। भारतीय रेल अब अपनी परिचालन क्षमता को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी में है। देश के 20 बड़े शहरों में मेगा टर्मिनल विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इन टर्मिनलों को मौजूदा स्टेशनों से जोड़कर ट्रेनों की संख्या और संचालन क्षमता दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है।
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने बताया कि देश के प्रमुख महानगरों में नई ट्रेनों की मांग लगातार बढ़ रही है। खासकर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद और सूरत जैसे शहरों से सबसे अधिक डिमांड आती है। इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे मेगा टर्मिनल बनाकर ट्रेनों के संचालन की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहा है।
वैष्णव ने बताया कि अहमदाबाद में यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए वटवा में एक मेगा टर्मिनल बनाया जा रहा है। इस टर्मिनल में 10 पिट लाइनों का निर्माण होगा, जिससे लगभग 45 नई ट्रेनों की क्षमता बढ़ जाएगी। इसके बाद अहमदाबाद से 150 ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा। रेल मंत्री ने बताया कि अहमदाबाद स्टेशन का पुनर्विकास और वटवा मेगा टर्मिनल परियोजना एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। अहमदाबाद में 16 मंजिला स्टेशन भवन, बुलेट ट्रेन और मेट्रो के इंटीग्रेशन के साथ एक विश्वस्तरीय मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जा रहा है। इसी तरह, अन्य शहरों के मेगा टर्मिनल को भी स्मार्ट स्टेशन प्रोजेक्ट्स के साथ जोड़ा जाएगा।
अहमदाबाद स्टेशन का पुनर्विकास कार्य ‘विरासत और आधुनिकता के संगम’ की थीम पर आधारित है। स्टेशन का वास्तुशिल्प डिजाइन मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित होगा। ‘ईंट मीनार’ और ‘झूलता मीनार’ जैसे एएसआई संरक्षित स्मारकों को भी इस परियोजना का हिस्सा बनाया जा रहा है। कालूपुर साइड पर बनने वाला आइकॉनिक एमएमटीएच टॉवर शहर के नए वास्तु प्रतीकों में शामिल होगा।
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, सूरत, पुणे, लखनऊ, जयपुर, भोपाल, वाराणसी, गुवाहाटी, पटना, चंडीगढ़, नागपुर, विशाखापट्टनम, इंदौर और तिरुवनंतपुरम में नई ट्रेनों की मांग हर साल औसतन 12 से 15% बढ़ रही है। इन शहरों में मौजूदा स्टेशन अपनी क्षमता की सीमा तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में रेलवे यहां पर मेगा टर्मिनल विकसित कर नई पिट लाइन, यार्ड और रखरखाव ढांचा तैयार कर रहा है ताकि नई ट्रेनों को बिना देरी चलाया जा सके।
Updated on:
04 Nov 2025 01:07 pm
Published on:
04 Nov 2025 01:06 pm
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