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फिर लौटा मानसून, इन राज्यों में 11 अगस्त तक भारी बारिश-बाढ़ की चेतावनी, अगले 72 घंटे भारी!

Flood Alert: हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश ने यमुना नदी को उफान पर ला दिया है। हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली की ओर तेजी से बढ़ रहा पानी अगले 72 घंटों में राजधानी दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर सकता है।

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अलर्ट के बाद भी नहीं हो रही बारिश (Photo source- Patrika)

अलर्ट के बाद भी नहीं हो रही बारिश (Photo source- Patrika)

Flood Alert: मौसम विभाग ने जहां दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। वहीं हथिनी बैराज से दिल्ली के लिए अगले 72 घंटे में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। हथिनी बैराज से जारी अलर्ट के अनुसार, यमुना में दिल्ली की ओर तेजी से पानी बढ़ रहा है। इससे दिल्ली में अगले 72 घंटे के दौरान भारी बाढ़ आ सकती है। दूसरी ओर मौसम विभाग ने पूरे उत्तर भारत के लिए अगले चार दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश ने बिगाड़ा खेल

मौसम विभाग के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, बीते मंगलवार को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में हुई भारी बारिश ने यमुना के कैचमेंट एरिया में पानी का तेज बहाव पैदा किया। इस मूसलाधार बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जिसका असर अब दिल्ली तक पहुंचने वाला है। सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम ने पुष्टि की कि बुधवार सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 73,749 क्यूसेक तक पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे ऊंचा स्तर है।

यमुना में उफान, बैराज पर रिकॉर्ड जलस्तर

बुधवार को हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर इस मॉनसून सीजन में अपने चरम पर पहुंच गया। अधिकारियों के अनुसार, बैराज से दिल्ली की ओर 65 लाख 206 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड की रफ्तार से बढ़ रहा है। सुबह 6 बजे जलस्तर 73,749 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो चिंता का सबब बन गया है। यमुनानगर जिला प्रशासन ने इस बढ़ते खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। यमुना का बढ़ता जलस्तर दिल्ली के लिए बड़े पैमाने पर चुनौती खड़ी कर सकता है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने और जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। अगले 72 घंटे शहर के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं, क्योंकि यमुना का पानी दिल्ली की सीमाओं में दस्तक देने को तैयार है।

अगस्त की शुरुआत से ही मानसून मेहरबान

दिल्ली-एनसीआर में मानसून की मेहरबानी अब लोगों को सताने लगी है। भारी बारिश से जगह-जगह जलभराव से रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं। खासकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। बात अगर दिल्ली-एनसीआर की करें तो यहां अगस्त की शुरुआत से ही लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने अब अगले एक सप्ताह के लिए भी दिल्ली-एनसीआर सहित इससे सटे राज्यों पंजाब-हरियाणा में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जबकि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

ये है मौसम की ताजा प्रणाली

IMD के वैज्ञानिकों ने बताया कि मौजूदा समय में एक चक्रवात बंगाल की खाड़ी में सक्रिय है। इसके साथ आने वाले दिनों में मानसून ब्रेक की स्थिति भी बनने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अभी मानसून ब्रेक की स्थिति बनने की संभावना तो है, लेकिन उत्तर भारत में किसी भी प्रकार से बारिश रुकने की संभावना नहीं है। यानी दक्षिणी बंगाल की खाड़ी, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के पास बंगाल की खाड़ी में बन रही साइक्लोनिक सर्कुलेशन की स्थिति अगले एक सप्ताह तक बारिश के लिए अनुकूल है।

दिल्ली-एनसीआर में कैसा रहेगा मौसम?

बात अगर दिल्ली-एनसीआर की करें तो यहां 11 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहने वाला है। इससे पहले जुलाई में चार दौर की भारी बारिश दिल्ली में देखी गई। अब मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में अगले एक हफ्ते तक रिमझिम फुहारें पड़ने का पूर्वानुमान जारी किया है। IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में आठ, नौ, दस और 11 अगस्त को कहीं हल्की तो कहीं झमाझम बारिश हो सकती है। इसके अलावा हरियाणा और पंजाब में भी अगले एक सप्ताह तक भारी बारिश की अनुमान बताया है। जबकि उत्तर प्रदेश में आगामी 4-5 दिनों तक विभिन्न हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश जारी रहने की संभावना है।

बिहार में भारी बारिश के साथ बदलेगा मौसम का हाल

बिहार में भी मानसून ट्रफ की सक्रियता के चलते भारी से अति भारी बारिश होने का खतरा बना हुआ है। यह स्थिति राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ और जलभराव की संभावनाओं को बढ़ा रही है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बिहार के कई हिस्सों में लगातार बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसानों और आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। यह बारिश मानसून के सामान्य पैटर्न के अनुरूप है, लेकिन इसकी तीव्रता के कारण सावधानी बरतना आवश्यक है।