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Kanwar Yatra: ये 100 प्रतिशत मुस्लिम बहुल क्षेत्र है…कांवड़ियों के स्वागत पर क्या बोले सीलमपुर विधायक?

Kanwar Yatra in Delhi: दिल्ली में कांवड़ियों की सेवा, सुरक्षा और सत्कार के लिए व्यवस्‍थाएं चाक चौबंद कर ली गई हैं। रेखा सरकार ने 5 हजार से ज्यादा जवानों को सुरक्षा के लिहाज से तैनात किया है। इसके साथ ही सीसीटीवी और ड्रोन से कांवड़ रूटों की निगरानी की जा रही है।

Kanwar Yatra in Delhi: ये 100 प्रतिशत मुस्लिम बहुल क्षेत्र है...दिल्ली में कांवड़ियों के स्वागत पर क्या बोले सीलमपुर विधायक?
दिल्ली में कांवड़ियों का होगा भव्य स्वागत। (फोटो सोर्सः सोशल मीडिया)

Kanwar Yatra in Delhi: दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटी भाजपा सरकार कांवड़ियों की सेवा और सत्कार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके लिए रेखा सरकार पूरी कैबिनेट के साथ सभी विधायकों को भी मैदान में उतार दिया है। कांवड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिए दिल्ली में करीब 374 शिविर लगाए गए हैं। इसके साथ ही तीर्थयात्रियों को त्वरित सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए पीसीआर वैन, क्यूआरटी और एंबुलेंस की जगह-जगह तैनात की गई है। इसी बीच बुधवार को सीलमपुर में स्‍थानीय विधायक चौधरी जुबैर अहमद ने बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ पहुंचकर कांवड़ यात्रियों का स्वागत किया।

सीलमपुर विधायक ने क्या कहा?

बुधवार को सीलमपुर में कांवड़ियों की सहायता के लिए स्‍थापित किए सद्भावना शिविर में स्‍थानीय विधायक चौधरी जुबैर अहमद ने बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ पहुंचकर कांवड़ियों का स्वागत किया। इस दौरान न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में उन्होंने बताया "यहां सद्भावना नाम का एक शिविर 1994 से लगना शुरू हुआ था। जो पिछले 31 सालों से लगाया जा रहा है। मेरे पिता 1993 में विधायक बने थे और उन्होंने अगले ही साल यहां कांवड़ियों की सेवा के लिए सद्भावना शिविर शुरू किया था। यह 100% मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और पिछले तीन दशकों से मुस्लिम समुदाय यहां समर्पण के साथ इस शिविर का संचालन कर रहा है।"

इससे पहले सीलमपुर में सद्भावना शिविर के दौरान स्थानीय विधायक चौधरी जुबैर अहमद इलाके से गुजर रहे कांवड़ियों पर फूल बरसाते नजर आए। सीलमपुर के विधायक चौधरी जुबैर अहमद ने आगे कहा "सीलमपुर में पिछले 31 सालों से मुस्लिम समुदाय कांवड़ियों की सेवा के लिए शिविर लगाता है। शिवभक्त कांवड़िये जो गोमुख, ऋषिकेश और हरिद्वार से जल लेकर अपने घरों की ओर जाते हैं। उन्हें कोई तकलीफ न हो, कोई परेशानी न हो। इसलिए पिछले 31 सालों से यहां मुस्लिम समाज पूरी तल्लीनता के साथ उनकी सेवा में डटा है। इसीलिए इस कैंप का नाम भी सद्भावना शिविर रखा गया है।"

नेशनल हाईवे समेत प्रमुख रास्तों की कड़ी निगरानी

दिल्ली में कांवड़ यात्रा को सफल बनाने के लिए रेखा सरकार ने कड़े आदेश जारी किए हैं। इसके तहत नेशनल हाईवे-1 और 9 के साथ-साथ बाहरी, उत्तर-पूर्वी, पूर्वी और शाहदरा जिलों से होकर गुजरने वाले मुख्य मार्गों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर पैदल या वाहन से आने वाले श्रद्धालुओं को केवल तय किए गए प्रवेश बिंदुओं से ही राजधानी में दाख़िल होने की इजाज़त है।

दिल्ली में प्रवेश के लिए ये बनाए गए एंट्री प्वाइंट

दिल्ली पुलिस ने कांवड़ियों के लिए विशेष रूट निर्धारित किए हैं। इनमें गाजीपुर बॉर्डर, आनंद विहार, भोपुरा, अप्सरा बॉर्डर, महाराजपुर, लोनी बॉर्डर और आईएसबीटी कश्मीरी गेट प्रमुख एंट्री पॉइंट्स हैं। इसके अलावा, वजीराबाद से भोपुरा, जीटी रोड और लोनी रोड को भी कांवड़ यात्रा के मार्ग के रूप में अधिसूचित किया गया है। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि इन रास्तों पर बिना ज़रूरत आवाजाही न करें। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं और आवश्यक वाहनों को कहीं कोई रोक नहीं होगी।

कांवड़ियों की त्वरित सहायता के लिए हेल्पलाइन जारी

कांवड़ियों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत मदद मिल सके। दिल्ली के सभी 15 जिलों के पुलिस उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ग्राउंड पर मौजूद रहें और स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम करें। किसी भी आपात स्थिति या भारी भीड़ से निपटने के लिए यह व्यवस्था बेहद अहम मानी जा रही है।

22 जुलाई तक चलेगा धार्मिक कार्यक्रम

22 जुलाई तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। सभी थाना प्रभारियों को कहा गया है कि वे अपने इलाके के कांवड़ शिविर आयोजकों के साथ लगातार संपर्क में रहें और यह सुनिश्चित करें कि सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन हो रहा है। दिल्ली सरकार का आपदा प्रबंधन विभाग भी पूरी तरह सतर्क है।

बारिश को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरतने का आदेश

बारिश को ध्यान में रखते हुए सड़क सुरक्षा और श्रद्धालुओं की आवाजाही में कोई रुकावट न आए, इसके लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। रिस्पॉन्स टीमें पानी के टैंकर, फायर ब्रिगेड, मेडिकल यूनिट और आपदा प्रबंधन उपकरणों से लैस होकर अलर्ट मोड में हैं। हर साल लाखों कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने शिवालयों तक पैदल यात्रा करते हैं और दिल्ली से होकर गुजरते हैं। ऐसे में इस बार भी दिल्ली प्रशासन की तैयारियां पूरी सतर्कता के साथ की गई हैं।