Politics: ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में सिंदूर को लेकर सियासत जारी है। भाजपा ने साफ किया है कि घर-घर सिंदूर पहुंचाने की उसकी कोई योजना नहीं है। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने उसे इस बात पर घेरना नहीं छोड़ा है। AAP नेता संजय सिंह का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भाजपा सरकार अब 'वन नेशन, वन हसबैंड' योजना के तहत मोदी जी के नाम का सिंदूर घर-घर भेजकर प्रचार की तैयारी कर रही है।
रविवार को अपने सोशल मीडिया ‘X’ अकाउंट पर एक वीडियो जारी करते हुए संजय सिंह ने कहा, “भारतीय संस्कृति में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सिंदूर लगाती हैं, लेकिन मोदी सरकार अब इसे भी चुनावी हथियार बना रही है। प्रधानमंत्री 'वन नेशन, वन इलेक्शन', 'वन नेशन, वन राशन' के बाद अब 'वन नेशन, वन हसबैंड' की सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं।” उन्होंने तंज कसते हुए पूछा “क्या मोदीजी चाहते हैं कि देश की सभी महिलाएं उन्हें अपना पति मान लें? यह कैसी मानसिकता है?”
बता दें कि मीडिया में ऐसी खबर आई थी कि भाजपा अपने आउटरीच प्रोग्राम के तहत महिलाओं के लिए हर घर में सिंदूर पहुंचाने की योजना बना रही है। पार्टी के एक प्रवक्ता केके शर्मा ने भी एक टीवी चैनल पर कहा था कि भाजपा की ओर से महिलाओं को शृंगार का सामान महिलाओं को दिया जाएगा। बाद में बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने मीडिया में आई खबर को 'फेक न्यूज' बताया और यह खबर छापने वाले अखबार ने भी खबर दी कि भाजपा का ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है। इसके बाद केके शर्मा ने भी टीवी पर अलग बयान दिया।
लेकिन, मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं को मोदी के नाम का सिंदूर देने की योजना बना रहे हैं। जो भारतीय संस्कृति और महिलाओं की भावनाओं का अपमान है। संजय सिंह ने कहा “सिंदूर का अपमान मत कीजिए, यह महिलाओं की श्रद्धा और संस्कृति का प्रतीक है। चुनाव प्रचार के लिए इस पवित्र परंपरा का उपयोग करना बेहद घटिया राजनीति है।”
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी कहा "ये हमारे देश की महिलाओं का घोर अपमान है। हिंदू धर्म और सनातन में मान्यता है कि महिला का पति ही सिंदूर देने का हकदार है। दूसरा व्यक्ति अगर सिंदूर देता है तो घोर अपमान है। हमने कई जगहों से सुना है कि इसका विरोध हो रहा है। भाजपा द्वारा जो सिंदूर वितरण का कार्यक्रम किया जा रहा है ये हमारी परंपरा का अपमान है। अगर इन्हें बांटना है तो देश में नौकरी बांटे।"
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Updated on:
01 Jun 2025 04:27 pm
Published on:
01 Jun 2025 03:25 pm