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दिवाली से पहले सलाखों के पीछे पहुंचा पूरा परिवार…घनी आबादी में अवैध धंधा करने पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

Delhi Police: दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में घनी आबादी के बीच आवासीय परिसर में अवैध धंधा चल रहा था। सूचना पर दिल्ली पुलिस ने आधी रात में छापा मारकर पूरे परिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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Delhi Police sent full family jail for repacking firecrackers in populated Rajouri Garden area

दिल्ली पुलिस ने घनी आबादी के बीच अवैध रूप से पटाखों की रिपैकिंग में पूरे परिवार को जेल भेज दिया।

Delhi Police: दिल्ली में अवैध धंधे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में दिल्ली पुलिस ने राजौरी गार्डन इलाके में घनी आबादी स्थित एक घर में आधी रात को छापेमारी की। इस दौरान पूरा परिवार अवैध धंधे में लिप्त पाया गया। पुलिस ने इस मामले में एक युवक, उसकी पत्नी और बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। यह पूरा परिवार अपनी दिवाली अच्छी करने के चक्कर में दूसरों का जीवन संकट में डाल रहा था।

जानिए क्या है पूरा मामला?

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सख्त प्रतिबंधों और दिल्ली पुलिस की चेतावनियों के बावजूद त्योहारों के मौके पर अवैध पटाखों का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा। पश्चिम दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके में पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन के दौरान ऐसा ही मामला उजागर किया है। यहां एक सामान्य आवासीय मकान को पटाखों के गोदाम में बदल दिया गया था, जहां से हजारों किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई।

घर बना पटाखों का गोदाम

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि राजौरी गार्डन के एक घर में अवैध रूप से पटाखों का भंडारण किया जा रहा है। जब पुलिस ने छापेमारी की, तो टीम ने देखा कि घर के अंदर बड़े पैमाने पर पटाखों की री-पैकिंग की जा रही थी। कुल 3,580.4 किलोग्राम पटाखे बरामद किए गए। यह माल मेरठ, गुरुग्राम और गाजियाबाद से लाया गया था और दिल्ली में ऊंचे दामों पर बेचने की योजना थी। अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री घनी आबादी वाले इलाके में किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती थी।

पूरा परिवार शामिल

जांच में खुलासा हुआ कि इस अवैध धंधे में घर का पूरा परिवार शामिल था। घर के मालिक सुशील कक्कड़, उनकी पत्नी उपासना कक्कड़ और बेटा शिवम कक्कड़ को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। तीनों पटाखों को छोटे पैकेट्स में दोबारा पैक कर बिक्री के लिए तैयार कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, यह परिवार लंबे समय से इस कारोबार में सक्रिय था और त्योहारों की मांग को देखते हुए नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए लगातार मुनाफाखोरी कर रहा था। तीनों से पूछताछ जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि इस नेटवर्क के और भी लोग सामने आएंगे।

डीसीपी दारडे शरद भास्कर ने क्या कहा?

पश्चिमी जिले के डीसीपी दारडे शरद भास्कर ने कहा कि त्योहारों के दौरान सुरक्षा को देखते हुए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्रवाई से न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू किया गया है, बल्कि भीड़भाड़ वाले इलाके में संभावित आगजनी और विस्फोट जैसी गंभीर दुर्घटनाओं को भी टाला गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे अवैध कारोबार में शामिल किसी भी व्यक्ति को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

पुराने मामलों से सबक लेकर एक्टिव हुई पुलिस

राजधानी और इसके आसपास अवैध पटाखों के भंडारण और बिक्री से जुड़े हादसों का इतिहास काफी डरावना रहा है। साल 2017 में बवाना औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री में अवैध पटाखों के कारण लगी भीषण आग में 17 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह, 2019 में गुरुग्राम के पटौदी क्षेत्र में एक घर में अवैध रूप से रखे गए पटाखों में विस्फोट हुआ था। धमाके से मकान पूरी तरह ढह गया और कई लोग घायल हुए। इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि नियमों की अनदेखी और लालच मिलकर किस तरह बड़े पैमाने पर जनहानि का कारण बन सकते हैं। अब दिल्ली पुलिस की राजौरी गार्डन की कार्रवाई ने एक और संभावित त्रासदी को टाल दिया, लेकिन सवाल यही है कि कब तक ऐसे हादसों का खतरा टलता रहेगा।