CM Rekha Gupta: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए दिल्ली सरकार का एक लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बजट में यमुना नदी की सफाई, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, जल आपूर्ति और कनेक्टिविटी जैसे कुल 10 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सरकार का उद्देश्य दिल्ली को आत्मनिर्भर और समावेशी बनाना है, जिसमें समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की गई हैं।
दिल्ली बजट 2025 में सबसे अहम घोषणा गरीब और मध्यम वर्ग की कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए की गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि कामकाजी महिलाओं को बच्चों की देखरेख के लिए घर से बाहर निकलते समय जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें दूर करने के लिए सरकार ने ‘राष्ट्रीय क्रैच योजना’ के तहत 500 नए पालना (क्रैच) आंगनवाड़ी केंद्र खोलने का फैसला लिया है। इस योजना के अंतर्गत महिलाएं अपने छोटे बच्चों को इन केंद्रों में सुरक्षित छोड़कर निश्चिंत होकर काम पर जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में गरीब महिलाओं की समस्याओं को समझते हुए कहा, “जब ये महिलाएं काम पर जाती हैं, तो उनके पास अपने बच्चों को छोड़ने का कोई सुरक्षित विकल्प नहीं होता। न उनके पास मेड होती है, न कोई सहायता। क्योंकि कई बार वे खुद ही दूसरों के घरों में मेड का काम करती हैं।” उन्होंने बताया कि इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने 500 नए पालना केंद्र खोलने का निर्णय लिया है, ताकि महिलाएं बच्चों की सुरक्षा को लेकर निश्चिंत होकर रोजगार कर सकें।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने 50 करोड़ रुपए का विशेष फंड निर्धारित किया है। इन पालना घरों की स्थापना मुख्य रूप से झुग्गी बस्तियों और कामकाजी वर्ग की बस्तियों में की जाएगी, जहां महिलाएं बच्चों को अक्सर घर में अकेला छोड़ने के लिए मजबूर होती हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कदम महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में मदद करेगा।
इसके अतिरिक्त सरकार ने 1,000 सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र खोलने की भी घोषणा की है। जिनमें बच्चों को बेहतर पोषण, शिक्षा और देखभाल मिलेगी। यह कदम न केवल बच्चों के समग्र विकास में सहायक होगा, बल्कि महिलाओं के लिए भी राहत लेकर आएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मौजूदा आंगनवाड़ियों की खराब स्थिति को सुधारने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया। उन्होंने कहा, "आंगनवाड़ियों की जो बुरी हालत है, आप सबने अपने-अपने क्षेत्रों में देखा होगा। कई जगहों पर बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। बच्चों के बैठने, पीने के पानी और साफ-सफाई तक की समुचित व्यवस्था नहीं है।"
इन खामियों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने ‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण योजना 2’ के अंतर्गत 206 करोड़ रुपए का फंड आवंटित करने की घोषणा की। इस फंड के माध्यम से दिल्ली की 1,000 आंगनवाड़ियों को “सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों” में परिवर्तित किया जाएगा। इन केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिनमें बेहतर भवन संरचना, स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था, बच्चों के खेलने और सीखने के लिए उपयुक्त वातावरण और साफ-सुथरे शौचालय जैसी बुनियादी जरूरतें शामिल होंगी।
रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि इन सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ और पोषणयुक्त वातावरण उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा “दिल्ली में एक हजार सक्षम आंगनवाड़ी, केंद्र खोले जाएंगे। जहां गरीब महिलाओं के बच्चों का ध्यान रखा जाएगा।” यानी जिन बच्चों को अक्सर उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है। दिल्ली की भाजपा सरकार उन्हें भी अच्छे माहौल में शिक्षा और देखभाल मिल सकेगी।
Published on:
25 Mar 2025 04:50 pm