
सीएम रेखा गुप्ता पर हमला मामले में नया अपडेट।
Attack on CM Rekha Gupta: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर अगस्त में हुए हमले का मामला अब सत्र न्यायालय (सेशन कोर्ट) में पहुंच गया है। तीस हजारी कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि यह अपराध गंभीर प्रकृति का है और इसकी सुनवाई केवल सत्र न्यायालय में ही की जा सकती है। इसलिए तीस हजारी कोर्ट ने इस केस को आगे की कार्यवाही के लिए सत्र न्यायालय को हस्तांतरित कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दिल्ली दो आरोपियों सकरीया राजेश भाई खिमजी और सैयद ताहसिन रजा के खिलाफ विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर दी है। अब दोनों आरोपी सत्र अदालत में पेश किए जाएंगे।
चार्जशीट में पुलिस ने दोनों को मुख्य आरोपी बताया है और कहा है कि प्रारंभिक व तकनीकी जांच के बाद पर्याप्त सबूत एकत्र कर लिए गए हैं। पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान दोनों आरोपियों से कई दौर की पूछताछ की गई और घटनास्थल से बरामद साक्ष्य, वीडियो फुटेज, और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान रिपोर्ट का हिस्सा बनाए गए हैं। तीस हजारी कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान माना कि आरोप ऐसे हैं जो सामान्य अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इस आधार पर अदालत ने इसे सत्र न्यायालय को भेजते हुए आदेश दिया कि वहां आरोप तय किए जाएं और अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष को प्रस्तुत होने का निर्देश दिया। सत्र न्यायालय में इस मामले की सुनवाई 10 नवंबर को निर्धारित की गई है।
यह घटना 20 अगस्त की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास पर जनता की समस्याएं सुन रही थीं। उसी दौरान दो व्यक्तियों ने कथित रूप से उन पर हमला कर दिया। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को काबू में लिया। घटना के बाद मुख्यमंत्री को हल्की चोटें आईं, और उन्हें चिकित्सकीय जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। घटना के तुरंत बाद सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए और CCTV फुटेज खंगाले। फुटेज में दो संदिग्धों की पहचान होने पर सकरीया राजेश भाई खिमजी और सैयद ताहसिन रजा को हिरासत में लिया गया।
पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में बताया गया है कि प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने कुछ विरोधाभासी बयान दिए, जिसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पूछताछ में दोनों आरोपियों ने पूर्व नियोजित तरीके से मुख्यमंत्री पर हमला करना स्वीकार किया। चार्जशीट के अनुसार, आरोपियों के बीच पहले से संपर्क था और वे जन सुनवाई के बहाने मुख्यमंत्री के पास पहुंचने की कोशिश में थे। पुलिस ने यह भी बताया कि उनके पास से एक मोबाइल फोन, कागजात और कुछ संदिग्ध नोट्स बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच अभी जारी है।
अब यह मामला पूरी तरह सत्र न्यायालय के अधीन है। अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी, जहां अदालत आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह सभी तकनीकी व फोरेंसिक रिपोर्ट समय पर अदालत को सौंप देगी। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि वे न्यायिक प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे और चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।
Published on:
01 Nov 2025 03:00 pm
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