भारत के खिलाफ जासूसी के आरोप में पकड़ा गया शख्स (X)
हरियाणा के पलवल जिले से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। स्थानीय पुलिस ने यूट्यूबर वसीम अकरम को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और पाक उच्चायोग के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मई 2025 में हिसार की ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के महज पांच महीने बाद हुई है, जो इसी तरह के आरोपों में फंसी थीं।
पुलिस के अनुसार, वसीम अकरम (उम्र 30 वर्ष) पलवल जिले के कोट गांव का निवासी है। वह यूट्यूब चैनल पर मेवात क्षेत्र के इतिहास से जुड़े वीडियो अपलोड करता था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि 2021 में वीजा आवेदन के दौरान वह पाकिस्तानी एजेंट दानिश के संपर्क में आया था। हालांकि उसके परिवार ने पाकिस्तान यात्रा से इनकार किया, लेकिन इंटरोगेशन के दौरान कई सबूत मिले जो उसके सीमा पार संपर्कों की ओर इशारा करते हैं।
वसीम ने पिछले तीन वर्षों से पाकिस्तानी एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। उसके फोन से कई आपराधिक व्हाट्सएप चैट बरामद हुई हैं, जिनमें से कुछ डिलीट कर दी गई थीं। साइबर सेल इन चैट्स को रिकवर करने की प्रक्रिया में जुटा है। यह गिरफ्तारी पिछले सप्ताह पलवल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक अन्य पाकिस्तानी जासूस तौफीक के बयानों पर आधारित है, जिसने वसीम के शामिल होने का खुलासा किया। दोनों आरोपी पाक उच्चायोग और आईएसआई के साथ इंटरनेट कॉल्स के जरिए संपर्क में थे।
पलवल के एसपी ने बताया, "वसीम और तौफीक दोनों पाकिस्तान के लिए संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे थे। क्राइम ब्रांच टीमें उन्हें पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही हैं। जांच में और गिरफ्तारियां संभव हैं।" पुलिस ने वसीम के यूट्यूब चैनल की सामग्री की भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें मेवात के ऐतिहासिक स्थलों पर वीडियो थे, लेकिन संदेह है कि ये पाकिस्तान को भारत की आंतरिक स्थिति की जानकारी देने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।
मई 2025 में हिसार की 33 वर्षीय यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा उर्फ ज्योति रानी को 'ट्रैवल विद जो' चैनल चलाने के दौरान पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह 2023 में दो बार पाकिस्तान गई थीं और पाक उच्चायोग के अधिकारी दानिश के संपर्क में थीं। ज्योति पर भारतीय सेना की गतिविधियों और स्थान संबंधी संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप था। इस नेटवर्क में हरियाणा-पंजाब के छह लोग शामिल थे, जिनमें वित्तीय लेन-देन, वीजा सहायता और सूचना साझा करने वाले एजेंट थे।
हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय यूट्यूबर्स के जरिए जासूसी नेटवर्क तेजी से फैल रहे हैं। वसीम की गिरफ्तारी के बाद पलवल क्राइम ब्रांच और अन्य विभागों को पूरी जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
Published on:
03 Oct 2025 01:43 pm
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