Deepak Babaria Congress: हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जनता को लुभाने में लगी है। बीजेपी और कांग्रेस में घमासान जारी है। दोनों दलों को अलग-अलग चुनातियों से निपटना है। बीजेपी के लिए इस राज्य का चुनाव जीतना इसलिए भी अहम हो जाता है कि लोकसभा चुनाव 2024 में इस पार्टी को यहां की जनता ने बड़ा झटका दिया था। 2019 में बीजेपी ने सभी सीटों पर कब्जा जमाया था लेकिन इस वर्ष बीजेपी को दस में से महज पांच सीट ही मिली। बीजेपी को इसके अलावा एक और चुनौती से निपटना है वो है एंटी इनकम्बेंसी। बीजेपी पिछले 10 वर्षों से यहां की सत्ता पर काबिज है। ऐसे में इस चुनौती से निपटना उनके लिए आसान नहीं होगा। उधर हरियाणा कांग्रेस के नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। फिर भी कांग्रेस की स्थिति यहां बीजेपी से ठीक नजर आ रही है। और इसके पीछे की वजह हैं दीपक बाबरिया।
ओबीसी वर्ग से आने वाले दीपक बाबरिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेहद करीबी माने जाते हैं। बाबरिया जमीनी नेता हैं। कांग्रेस ने जब कर्नाटक में जीत हासिल की तो पार्टी ने विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए उन्हें ही कर्नाटक भेजा था। उनके मेहनत और अथक प्रयास को देखते हुए पार्टी ने बाबरिया को दिल्ली और हरियाणा का प्रभारी बनाया। कार्यभार संभालते ही बाबरिया को कार्य समिति में जगह साफ संदेश दे दिया था कि जो पार्टी के लिए निष्ठा से काम करेगा, उसे तवज्जो मिलेगी। दीपक पूर्व में एमपी कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं। बाबरिया की पहचान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के काफी भरोसेमंद साथी के रूप में भी है।
इन दिनों हरियाणा कांग्रेस के नेता बीजेपी नेताओं पर हर मुद्दे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। किसी भी मुद्दे को जाया नहीं होने दे रहे। महंगाई, बेरोजगारी, स्त्री सुरक्षा, हेल्थ जैसे मुद्दों को लेकर जनता के पास जा रहे। राज्य के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधते हुए यह कह रहे हैं कि उनका कार्यकाल पूरी तरह विफल रहा था इसलिए चुनाव से पहले नायब सिंह सैनी को बीजेपी ने सीएम बनाया। कांग्रेस नेता लोगों को यह रहे कि सरकार गरीबों का हक़ मार रही है। जिस रणनीति पर हरियाणा कांग्रेस के नेता चल रहे हैं उसे बनाया है दीपक बाबरिया ने।
उनकी रणनीति कितना काम करती है, कांग्रेस पार्टी को हरियाणा में किस तरह का जनसमर्थन मिलता है ये तो भविष्य के गर्भ में हैं। लेकिन दीपक बाबरिया जिस हिसाब से मेहनत कर रहे हैं, उसे देख कहा जा सकता है कि पार्टी सत्ता में आने के लिए सही दिशा में मेहनत कर रही है।
बता दें कि हरियाणा में चुनाव आयोग की ओर से पहले 1 अक्टूबर को चुनाव करवाने का ऐलान किया गया था। लेकिन, अब वोटिंग की तारीख को बढ़ाकर 5 अक्टूबर कर दिया गया है, वहीं 5 अक्टूबर को होने वाली मतगणना की तारीख अब बढ़ाकर 8 अक्टबूर कर दी गई है।
Updated on:
07 Sept 2024 12:30 pm
Published on:
06 Sept 2024 04:52 pm