Monsson Session: लोकसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी सदन में हंगामा जारी रहा। गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसद सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने न केवल प्रदर्शनकारी कांग्रेस सांसदों को पार्टी के गौरवशाली अतीत की याद दिलाई, बल्कि सदन में ऐसी 'हस्तक्षेप' न करने की चेतावनी भी दी।
ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों के बार-बार हंगामे करने पर क्षुब्ध होकर वरिष्ठ सांसद के.सी. वेणुगोपाल (KC Venugopal) की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस सांसदों के जोरदार विरोध और नारेबाजी (Congress MPs Protests in LS) का जिक्र करते हुए पूछा, "क्या आप उन्हें सदन को बाधित करने के ऐसे तरीके सिखाते हैं?"
लोकसभा अध्यक्ष ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा कि संसद जनता के मुद्दों पर बहस के लिए है, प्रदर्शनों के लिए नहीं और अब समय आ गया है कि वे अपना रवैया सुधारें, क्योंकि राष्ट्र और देशवासी सब देख रहे हैं। संसद में लगातार चौथे दिन सरकार-विपक्ष के बीच गतिरोध रहा, जिसके कारण विधायी कार्य बाधित हुआ।
SIR Bihar Row: लोकसभा में विपक्ष बिहार में ECI की मतदाता सूची संशोधन पर तत्काल बहस की मांग कर रहा है और इसे मतदाताओं के कुछ वर्गों को मताधिकार से वंचित करने के लिए ‘सरकार द्वारा प्रायोजित’ अभ्यास बता रहा है। प्रश्नकाल के दौरान सदन में व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस पर आपत्ति जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदर्शनकारी सांसदों (Protest in Loksabha) को इस तरह के व्यवहार से बचने की सलाह दी क्योंकि इससे जनता के प्रश्न उठाने की पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया पटरी से उतर जाती है।
ओम बिरला ने कहा, "जवाबदेही और पारदर्शिता हमारे लोकतंत्र की आधारशिला हैं। सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने में सभी को योगदान देना चाहिए। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, हमें उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए और मानक स्थापित करने चाहिए।"
ओम बिरला के कई बार समझाने पर भी जब विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए और व्यवस्था बहाल नहीं हुई तो अध्यक्ष ने अपनी आवाज ऊंची की और सदन में लगातार नारेबाजी और तख्तियां लहराने के लिए कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल को आड़े हाथों लिया। बिरला ने प्रदर्शनकारी सांसदों से कहा, "आप एक बहुत पुरानी पार्टी के सदस्य हैं। इस पार्टी ने नए मानदंड स्थापित करने और अच्छे आचरण के मानदंड स्थापित करने के कई उदाहरण दिए हैं लेकिन आज नेताओं की नई पीढ़ी पूरी तरह से इसे भूल रही है।" उन्होंने लगातार नारेबाजी और तख्तियां लहराने की ओर इशारा करते हुए कहा कि नए युग के नेताओं का आचरण समझ से परे है और निंदनीय भी है।
उन्होंने कहा, "आप लोग करदाताओं के करोड़ों रुपये बर्बाद कर रहे हैं। आपको लाखों मतदाताओं ने संसद में भेजा है, सदन में व्यवधान डालने के लिए नहीं, बल्कि अपने मुद्दे उठाने के लिए।" उन्होंने तख्तियां लहराने के खिलाफ भी चेतावनी दी और कहा कि इस तरह का व्यवहार बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
(स्रोत-IANS)
Updated on:
24 Jul 2025 04:47 pm
Published on:
24 Jul 2025 04:31 pm