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‘RJD में दलालों का वर्चस्व’, परिहार से टिकट कटने पर भड़की रितु जायसवाल, निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव

रितु जायसवाल ने राजद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ दलालों ने रात के अंधेरे में परिहार का टिकट बेच दिया। जानिए और क्या-क्या बोलीं रितु...

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निर्दलीय चुनाव लड़ेगी रितु जायसवाल (Photo-X @activistritu)

रितु जायसवाल ने निर्दलीय नामांकन करने के बाद राजद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर कुछ दलाल मौजूद हैं, जो रात के अंधेरे में चोरी छिपे टिकट बांटते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर मौजूद दलालों के वर्चस्व को खत्म करने के लिए यह कदम जरूरी हो गया।

रितु ने आगे लिखा, 'प्रदेश अध्यक्ष आदरणीय जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव ने वर्ष 2023 में मुझे राजद महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जो विश्वास जताया था, उस पर खरा उतरने के लिए मैंने दिन-रात मेहनत की। लगभग ढाई वर्षों की अथक मेहनत के बाद आज बिहार में राजद की महिलाओं का जो मजबूत संगठन खड़ा हुआ है, उसे बापू सभागार में आयोजित महिला दिवस कार्यक्रम में आप सबने देखा है।

जहां तक बात लोकसभा चुनाव 2024 की है - 21 मार्च 2024 को उपमुख्यमंत्री आवास पर तेजस्वी यादव से और राबड़ी आवास पर लालू यादव से ढाई घंटे की बैठक के बाद मुझे शिवहर लोकसभा से चुनाव लड़ने का निर्देश दिया गया था। मैं वहां पहुंचकर पूरे समर्पण से प्रचार में जुटी, लेकिन एक हफ्ते बाद पता चला कि पार्टी के कुछ दलाल रुपए लेकर किसी और को उम्मीदवार बनाने में लगे है। 30 मार्च 2024 को जब मैं दोबारा राबड़ी आवास पहुंची, तो माहौल पूरी तरह बदल चुका था।

फिर भी, शिवहर लोकसभा की जनता के जबरदस्त समर्थन को देखते हुए तेजस्वी यादव ने उन दलालों की दलीलों को किनारे किया और अंततः मुझे टिकट दिया। इस निर्णय के लिए मैं तेजस्वी जी की आभारी हूं, और यह एहसान मैं कभी नहीं भूल सकती।

इस बार भी, तेजस्वी जी ने परिहार से मेरा नाम फाइनल किया था, लेकिन दलालों के दबाव के आगे उन्हें झुकना पड़ा है। परिहार में मेरे समर्थक विरोध न करें, इसलिए मुझे बेलसंड का टिकट ऑफर किया गया। परंतु मैं यह कैसे स्वीकार करती कि मैं परिहार को बदहाल छोड़कर बेलसंड चली जाऊं, और मेरे कारण वर्तमान विधायक संजय गुप्ता जी का टिकट काट दिया जाए?

अगर पार्टी ने परिहार से किसी अन्य जमीनी कार्यकर्ता को टिकट दिया होता, तो मैं खुशी से पीछे हट जाती और उस उम्मीदवार का समर्थन करती। लेकिन, बिना जनाधार वाले व्यक्ति को टिकट देना, वो भी ऐसे परिवार को जिसने 2020 विधानसभा चुनाव में मेरे और पार्टी के साथ गद्दारी की थी, यह मुझे स्वीकार नहीं था।

परिहार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय मेरे लिए कोई आसान फैसला नहीं था। मैं चाहती तो चुप बैठ जाती - पार्टी ने बहुत कुछ दिया है, और आगे चलकर कुछ न कुछ दे ही देती। लेकिन, पार्टी के अंदर दलालों के बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए यह कदम जरूरी हो गया था।

मेरी लड़ाई किसी पद के लिए नहीं है - मेरी लड़ाई है उस व्यवस्था के खिलाफ, जहाँ पर पारदर्शिता की कमी है, और जहां रात के अंधेरे में चोरी छिपे टिकट बांटे जाते हैं। मेरी लड़ाई उस परिहार के लिए है, जो पिछले पच्चीस वर्षों से विकास के लिए तरस रहा है।'

कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन लिया वापस

लालगंज सीट पर फंसी पेंच को महागठबंधन ने सुलझा लिया है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य कुमार राजा ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इस सीट से बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है।

पप्पू ने लालू को दी गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत

पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी। पप्पू यादव ने कहा कि 12 जगह पर दोहरे उम्मीदवारों को उतार दिया गया, क्या इससे गठबंधन चलता है। कांग्रेस को निर्णय लेना चाहिए। जिस तरह से टिकट बाटा गया है, ये बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन केवल कांग्रेस कर रही है।