
प्रशांत किशोर और प्रमोद तिवारी (Photo-IANS)
चुनाव आयोग ने सोमवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण की घोषणा की, जो 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 28 अक्टूबर से शुरू होगा। इसमें आंध्र प्रदेश, गोवा, पुदुच्चेरी, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में पहले चरण की सफलता के बाद यह कदम उठाया गया है, जहां 7.42 करोड़ मतदाताओं की सूची शुद्ध हुई।
पश्चिम बंगाल की मंत्री शशि पांजा ने एसआईआर को राजनीतिक साजिश बताया। तृणमूल कांग्रेस ने कहा, यह एनआरसी लागू करने की कोशिश है। भाजपा झूठ फैला रही है। 2024 की लोकसभा सूची सही थी, तो 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए बदलाव क्यों?
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने ECI द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के चरण 2 की घोषणा करने पर कहा कि SIR बिहार में हुआ था लेकिन उससे क्या हुआ? क्या किसी का नाम कटा? कुछ लोगों को परेशानी हुई लेकिन भाजपा वाले कितना भी जोर लगा लें। लेकिन जब जनता आपके खिलाफ हो जाएगी तो SIR कीजिए या FIR कीजिए, कुछ नहीं होने वाला है।
दिल्ली में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, गृह मंत्री से पीएम मोदी तक घुसपैठियों की बात करते हैं, लेकिन बिहार एसआईआर में कितने हटे? असम में भी घोषणा क्यों नहीं? छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पूछा, छत्तीसगढ़ में एसआईआर हो गया, लेकिन बांग्लादेशियों की पहचान कितनी हुई? गृह मंत्रालय पाकिस्तानी निवासियों के आंकड़े क्यों नहीं देता?
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एसआईआर का स्वागत किया। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग सही दिशा में काम कर रहा है। 25-30 साल पुरानी मौतों के नाम अभी भी वोटर लिस्ट में हैं, इन्हें हटाना जरूरी है। राजभर ने प्रवासी मजदूरों के डुप्लिकेट नामों का जिक्र किया, दो जगह नाम होने से चुनाव में गड़बड़ी होती है। वोट का अधिकार एक जगह ही है, तो दो जगह नाम का क्या मतलब?
विपक्ष इसे वोट बैंक प्रभावित करने की साजिश बता रहा है, जबकि सत्ताधारी इसे पारदर्शिता का कदम। बंगाल, केरल जैसे चुनावी राज्यों में विवाद बढ़ सकता है। डीएमके ने 2 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह 21 साल बाद का नौवां ऐसा अभियान है, जो लोकतंत्र की मजबूती का दावा करता है, लेकिन राजनीतिक आरोपों के घेरे में फंस गया।
SIR के दूसरे चरण पर पश्चिम बंगाल राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने बताया कि चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है। संविधान में जांच और संतुलन की प्रणाली है जिससे लोकतंत्र का विकास होता रहे।
SIR के दूसरे चरण पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि स्वागत योग्य कदम है। पात्र लोगों का ही नाम मतदाता सूची में होना चाहिए। जो भारत के नागरिक हैं उन्हीं का नाम मतदाता सूची में होना चाहिए।
Updated on:
27 Oct 2025 09:10 pm
Published on:
27 Oct 2025 08:46 pm
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