
बिहार में दो चरणों में होगा मतदान )
मोक्ष की भूमि बिहार के दूसरे बड़े शहर गया में चुनावी चौसर बिछ गई है। सर्दी असरदार नहीं है, लेकिन चुनावी गर्मजोशी दोनों सिर चढ़कर बोल रही है। मौजूदा विधायक और बीजेपी प्रत्याशी प्रेमकुमार अंगद के पांव की तरह यहां की विधायकी सीट पर जमे हैं। आठ दफे लगातार जीतकर 35 साल से कांग्रेस के तमाम प्रयोगों को विफल कर चुके प्रेमकुमार के सामने पिछली बार के हारे कांग्रेस प्रत्याशी अखौरी ओंकारनाथ (मोहन श्रीवास्तव) दोबारा मैदान में है। स्थिति की रोचकता जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी धीरेन्द्र अग्रवाल है, जो मुकाबले को त्रिकोण तो नहीं कर पाएंग लेकिन वे जितने वोट ज्यादा लाएंगे उतनी माथे पर सलवटें प्रेमकुमार के पड़ने का गणित गया के राजनीति के पण्डे लगा रहे है। 11 नवंबर को दूसरे चरण में यहां मतदान होगा।
सड़कों पर पड़े गड्ढ़ों में वाहन हिचकोले खाते हैं। ट्रैफिक पुलिस अधिकांश जगह नजर नहीं आती। सड़कें चौड़ी तो है पर अतिक्रमण उन पर चढ़ते ही जा रहा है। यही सारी शिकायतें यहां के वोटर्स को हैं।
पंडित रविशंकर नारायणचुआं रोड पर मिले, बोले- सड़कें और ट्रैफिक ये दो बड़ी समस्या हैं। जैन धर्माशाला महादेव घाट पर वीणादेवी कहती हैं, तमाम समस्याएं है, लेकिन एक सुकून है...गुंडागर्दी का डर कम हुआ है। बहरहाल गया में बड़ी सौगातों की बयार भी नजर आने लगी है। निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन, आइआइएम, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, तालाब सौंदर्यकरण और ब्रह्मजोनी रोप- ये अब गया के आने वाले दिनों की चमक-दमक होंगे।
विक्रम यादव टैंपो का साथी रहा। विक्रम के सामने दो लोग पर्ची लेकर आए तो उसने तनते हुए कहा, मीडिया..आज मीडिया संगे है, काहे का पर्ची। दरअसल इस ठेका प्रथा पर्ची से ये लोग परेशान हैं। हर रोड पर एक पर्ची कटती है, जो रोड टैक्स है। विक्रम सवाल करता है कि यहां रोड ही सही नहीं है। ट्रैफिक ठीक नहीं है फिर भी पर्ची वसूलते हैं।
बिसार तालाब के पास बीजेपी कार्यालय है। यहां अखबार की कतरनों की बड़ी प्रदर्शनी लगी है जो जंगलराज को दर्शा रही हैं। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजदेव पंडित बताते है कि यह उनके लिए शुभ है, यहां से हर बार जीत हासिल होती है। इस बार धीरेन्द्र अग्रवाल फैक्टर पर वे यह तो स्वीकार करते है कि नुकसान हमारा होगा, लेकिन लोकसभा चुनावों की जीत का गणित बताते हुए पक्ष अपना ही मजबूत बता रहे है।
अखौरी औंकारनाथ का कार्यालय रायकाशी रोड के एक आलीशान होटल में है, जो किले की तरह है। यहां ऊपर की मंजिल केवल विशेष लोगों के प्रवेश की है। नीचे सभी जगह पर कायकर्ता जमा हैं। कार्यालय में बैठे शिवकुमार कहते हैं कि पिछला अंतर 10 हजार के पास का था, इतना तो धीरेंद्र ही काट देगा। जीत का पूरा चांस है। जनसुराज पार्टी के धीरेन्द्र अग्रवाल स्वराजपुरी में हैं, यहां कम भीड़ रहती है। शाम को प्रत्याशी के आने के बाद भीड़ होती है, ऐसा पार्टी कार्यालय प्रभारी ने बताया।
Updated on:
04 Nov 2025 10:04 pm
Published on:
04 Nov 2025 07:00 pm
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