Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो सालों से नहीं मिली थी सैलरी, परेशान शख्स ने सरकारी कार्यालय के सामने की आत्महत्या

चामराजनगर जिले में एक वाटरमैन ने दो सालों तक सैलरी नहीं मिलने से परेशान होकर पंचायत कार्यालय के सामने आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड लेटर में पी.डी.ओ. और सरपंच को जिम्मेदार ठहराया।

2 min read

भारत

image

Himadri Joshi

Oct 18, 2025

Karnataka crime

सरकारी दफ्तर के सामने व्यक्ति ने की आत्महत्या (प्रतीकात्मक तस्वीर)

कर्नाटक में एक दिल दहला देने वाले मामले का खुलासा हुआ है। यहां चामराजनगर जिले के रहने वाले एक व्यक्ति ने दो सालों तक सैलरी नहीं मिलने से परेशान होकर पंचायत कार्यालय के सामने आत्महत्या कर ली। जानकारी के अनुसार, मृतक को स्थानीय अधिकारियों द्वारा उसे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था और 27 महीनों से उसे वेतन नहीं मिला था।

सुसाइड नोट में वेतन नहीं मिलने की बात कही

मृतक की पहचना चिकोसा नायक के रूप में हुई है और वह 2016 से होंगानूरु ग्राम पंचायत में जलकर्मी (वाटरमैन) के तौर पर काम कर रहा था। नायक ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट में इसकी वजह बताई। इसके अनुसार, बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी नायक के बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया था। नायक ने खराब स्वास्थ्य के कारण अपना इस्तीफा भी जमा कर दिया था, ताकि उनका बकाया (pending) भुगतान हो सके लेकिन इसके बावजूद उन्हें पैसे नहीं मिले।

पीडीओ और सरपंच पर लगाए आरोप

नायक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, मैं 2016 से वाटरमैन के रूप में काम कर रहा हूं। मैंने पंचायत विकास अधिकारी (PDO) और ग्राम पंचायत अध्यक्ष (सरपंच) से मेरे 27 महीने के बकाया वेतन को साफ़ करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मेरी बात को अनदेखा कर दिया। मैंने ज़िला पंचायत सीईओ के पास भी संपर्क किया, पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस सुसाइड लेटर में नायक ने यह भी आरोप लगाया गया कि, पी.डी.ओ. (पंचायत विकास अधिकारी) रामे गौड़ा और ग्राम पंचायत अध्यक्ष के पति मोहन कुमार ने उन्हें लगातार मानसिक रूप से परेशान किया था।

जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो

उन्होंने लिखा, अगर मैं छुट्टी मांगता, तो वे कहते कि छुट्टी लेने से पहले कोई और आदमी ढूंढो (मेरी जगह काम करने के लिए)। वे मुझे सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक दफ्तर में रुकने के लिए मजबूर करते थे। मैं पी.डी.ओ और मोहन कुमार के परेशान करने की वजह से अपनी जान दे रहा हूं। नायक ने अपने सुसाइड नोट में अधिकारियों से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की गुज़ारिश की।

पी.डी.ओ को किया निलंबित

जानकारी के अनुसार, घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने पी.डी.ओ, सरपंच और उसके पति के ख़िलाफ़ SC/ST अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज़ किया है। साथ ही ज़िला पंचायत के CEO ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाने के आरोप में पी.डी.ओ को निलंबित कर दिया है। घटना को लेकर भाजपा ने सिद्धारमैया सरकार को घेरा है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है।