Vice President Election India 2025: भारत के अगले उप-राष्ट्रपति (Vice President Election India 2025) के चयन की प्रक्रिया आज अपने अंतिम पड़ाव पर है। संसद में दोनों सदनों के सांसद वोट डाल रहे हैं और आज शाम तक देश को नया उप-राष्ट्रपति मिल जाएगा। जुलाई में जगदीप धनखड़ के उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद यह पद रिक्त हुआ था, जिसे भरने के लिए यह चुनाव कराया जा रहा है। सुबह से शुरू हुआ मतदान (Indian Parliament Vice Presidential Polls) शाम 5 बजे के बाद समाप्त होगा। उसके बाद मतगणना और परिणाम की घोषणा होगी। जो भी चुना जाएगा, वह अगले 5 वर्षों तक भारत के उप-राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्यभार संभालेगा। नए उप राष्ट्रपति का कार्यकाल लोकसभा चुनाव 2029 तक देश की राजनीतिक दिशा पर असर डाल सकता है।
इस बार मुकाबला है दो प्रभावशाली व्यक्तियों के बीच एनडीए की तरफ से उम्मीदवार हैं सी. पी. राधाकृष्णन, जो महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रह चुके हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया 'INDIA' की ओर से उम्मीदवार हैं बी. सुदर्शन रेड्डी, जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं। दोनों ही दावेदारों का राजनीतिक और सामाजिक अनुभव गहरा है, लेकिन आंकड़ों के लिहाज़ से एनडीए की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
इस बार का चुनाव पूरी तरह सर्वदलीय नहीं रहा। BRS (भारत राष्ट्र समिति), BJD (बीजू जनता दल) और अकाली दल जैसे कुछ क्षेत्रीय दलों ने मतदान से दूरी बनाई है। खासकर BRS ने किसानों की समस्याओं के चलते चुनाव का बहिष्कार किया है।
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी (BJP)
वर्तमान पद: महाराष्ट्र के राज्यपाल।
पिछला अनुभव: दो बार लोकसभा सांसद, कोयंबटूर से।
छवि: अनुशासित नेता, दक्षिण भारत में बीजेपी का मजबूत चेहरा।
विशेषता: नीतियों में स्पष्टता और संगठन में पकड़।
NDA की ओर से चयन: अनुभव, राज्यसभा में प्रशासनिक संतुलन के लिए।
पेशेवर पृष्ठभूमि: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश।
गृह राज्य: तेलंगाना।
छवि: निष्पक्ष, संवैधानिक और कानून-प्रिय व्यक्तित्व।
विशेषता: सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और संविधान की रक्षा पर जोर।
INDIA ब्लॉक की ओर से चयन: न्यायपालिका से विश्वसनीयता और निष्पक्षता का संकेत देने के लिए।
BRS का बहिष्कार किसानों की समस्याओं के मुद्दे को फिर से चर्चा में ले आया है।
जस्टिस रेड्डी के चयन से विपक्ष ने न्यायपालिका और राजनीति के बीच संतुलन का संदेश दिया।
दक्षिण भारत के दोनों चेहरों के चुनाव ने इस क्षेत्र की राजनीतिक महत्ता को और उजागर किया।
राज्यसभा का चेहरा बदलने से आने वाले विधायी सत्रों में संवाद और गतिरोध पर प्रभाव पड़ेगा।
यह चुनाव कहीं न कहीं 2029 के लोकसभा चुनाव की ‘टोन सेट’ कर रहा है।
सदन | कुल सांसद | NDA सांसद | INDIA ब्लॉक सांसद (अनुमानित) |
---|---|---|---|
लोकसभा | 542 | 293 | 249 |
राज्यसभा | 240 | 129 (नीचे नोट) | लगभग 111 |
कुल | 782 | ~422 | ~360 |
लोकसभा में कुल 542 सीटें हैं। इनमें से एनडीए के पास लगभग 293 सांसद हैं, जबकि INDIA गठबंधन के पास करीब 249 सदस्य मौजूद हैं। यानि कुल 542 सीटों में NDA के पास लगभग 293 सांसद हैं, और INDIA ब्लॉक के पास लगभग 249 सदस्य हैं।
राज्यसभा की प्रभावी सदस्य संख्या लगभग 240 है। इसमें एनडीए के पास करीब 129 सांसद हैं, जिनमें कुछ नामित सदस्य भी शामिल हैं।यानि कुल 240 सीटों (प्रभावी संख्या) में NDA के पास लगभग 129 सांसद (साथ में नामित सदस्यों सहित) हैं।
भाजपा: “राधाकृष्णन अनुभव और संगठन के प्रतीक हैं, संसद को उनकी ज़रूरत है।”
कांग्रेस: “देश को अब ऐसे उप-राष्ट्रपति की ज़रूरत है जो संविधान के प्रहरी हों।”
BRS और BJD: “हम चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहे, लेकिन केंद्र को किसानों के मुद्दे याद दिलाते रहेंगे।”
जनता का मत: सोशल मीडिया पर सुदर्शन रेड्डी की न्यायपालिका वाली छवि को लेकर चर्चा, वहीं राधाकृष्णन की साफ-सुथरी राजनीति की सराहना।
बहरहाल संसद में एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि सी. पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है। हालांकि विपक्ष ने भी अपना पूरा दमखम लगाया है और बी. सुदर्शन रेड्डी को एक प्रतिष्ठित चेहरा माना जा रहा है। ध्यान रहे कि भारत के संविधान में उप-राष्ट्रपति का पद न सिर्फ प्रतिष्ठा का प्रतीक है, बल्कि यह व्यक्ति राज्यसभा का सभापति भी होता है। ऐसे में यह चुनाव संसदीय व्यवस्था के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।
Published on:
09 Sept 2025 04:06 pm
बड़ी खबरें
View Allराष्ट्रीय
ट्रेंडिंग