Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बेटे को गिफ्ट किया iPhone 16 Pro Max, एक महीने बाद ही हो गया बंद, अब Apple स्टोर को वापस करने पड़ेंगे लगभग 2 लाख

हैदराबाद के एक 63 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी ने बिना वकील के दो मामलों में जीत हासिल की। उन्होंने रियल एस्टेट और एप्पल कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में अपनी बात रखी और आयोग ने उनकी दलीलें मानते हुए कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया

2 min read

भारत

image

Mukul Kumar

Oct 14, 2025

Apple Store

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)

हैदराबाद में 63 साल के एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को एकसाथ दो केसों में बड़ी सफलता मिली है। एक केस रियल स्टेट से और दूसरा आईफोन से जुड़ा है।

बवाना साहेब नाम के सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी ने मेडक स्थित जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में दोनों मामलों में जीत दर्ज की है।

खास बात यह है कि उन्होंने दोनों केस में कोई भी वकील नहीं रखा। खुद ही दोनों मामले में आयोग के सामने अपनी बात रखी। सारी दलील सुनने के बाद आयोग ने पाया कि साहेब को रियल एस्टेट और एप्पल कंपनी की लापरवाही व अनुचित व्यापार के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।

चार साल तक फ्लैट का नहीं हुआ निर्माण

आयोग में सात महीनों के भीतर साहेब के पक्ष में फैसला सुनाया। पहले मामले में साहेब ने साहिती इंफ्राटेक वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज कराया था।

उन्होंने रियल एस्टेट कंपनी पर आरोप लगाया कि वह अमीनपुर स्थित 'साहिती सर्वनी एलीट' में उनके द्वारा बुक कराए गए फ्लैट संख्या 2608 को देने में विफल रही। इस फ्लैट के लिए उन्होंने 2019 में 41 लाख रुपये दिए थे। चार साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं हुआ था।

9 पर्सेंट ब्याज के साथ वापस करने होंगे पैसे

इस मामले में आयोग ने बिल्डर को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया है। साथ ही, अगस्त 2019 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ 41 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है।

इसके अलावा, बिल्डर को 1 लाख रुपये मुआवजे के रूप में और 5,000 रुपये मुकदमेबाजी खर्च के रूप में भी ग्राहक को देंगे होंगे

साहेब को दूसरे केस में सफलता आईफोन से जुड़े मामले में मिली है। साहेब ने एप्ट्रोनिक्स नाम के एक एप्पल स्टोर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

उनका कहना था कि उन्होंने इस एप्पल स्टोर से अपने बेटे को 1,46,800 रुपये में आईफोन 16 प्रो मैक्स (256 जीबी, काला) खरीदकर गिफ्ट दिया था। जो एक महीने के भीतर काम करना बंद कर दिया था।

बार-बार शिकायत के बावजूद एप्पल स्टोर ने एक नहीं सुनी

बार-बार शिकायत करने के बावजूद, कंपनी ने केवल डिस्प्ले बदलने की बात कही। जिसको लेकर साहेब ने आयोग में मामला दर्ज कराया। आयोग ने इस मामले में एप्ट्रोनिक्स को दोषी पाया।

इसके साथ, उन्होंने एप्पल स्टोर को 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ 1,46,800 रुपये वापस करने का आदेश दिया। वहीं, एप्ट्रोनिक्स को 10,000 रुपये मुआवजे के रूप में और 5,000 रुपये मुकदमे के खर्च के रूप में भी देने होंगे।