Delhi high Court On Ratan Tata and TATA Trust: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट से संबंधित लोगो (Logo) और फोटो यूज करने के खिलाफ फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने कहा कि TATA एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क है और दिवंगत रतन टाटा का नाम और प्रतिष्ठा इससे जुड़ी है। जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच ने रतन टाटा ट्रस्ट और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर मुकदमे की सुनवाई करते हुए रजत श्रीवास्तव के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी की। बता दें कि रजत श्रीवास्तव 'रतन टाटा आइकन अवार्ड' (Ratan Tata Icon Award) नामक एक पुरस्कार समारोह आयोजित करने की योजना बना रहे थे।
मुकदमे के अनुसार, प्रतिवादियों ने अधिसूचित होने के बावजूद अनधिकृत कार्यक्रम और पुरस्कार का विज्ञापन और प्रचार करना जारी रखा। टाटा ट्रस्ट और इसके पूर्व अध्यक्ष दिवंगत रतन एन टाटा की ओर से समर्थन और सहयोग का झूठा दावा किया। कार्यवाही के दौरान, प्रतिवादियों ने पुरस्कार समारोह को रद्द करने और रतन टाटा के नाम का उपयोग करने से परहेज करने पर सहमति व्यक्त की।
इस सबमिशन को ध्यान में रखते हुए अदालत ने प्रतिवादियों से अनुपालन के बारे में एक अंडरटेकिंग भी मांगी। इसके अलावा कहा कि मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी। बता दें कि टाटा का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने किया। मुकदमा लॉ फर्म आनंद एंड आनंद के माध्यम से दायर किया गया था, जिसमें प्रवीण आनंद और अच्युतन श्रीकुमार ने प्रतिनिधित्व किया था। मुकदमे के अनुसार, कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब ऑफ इंडिया और महाराष्ट्र सदन, नई दिल्ली में 10 फरवरी, 2025 को रजत श्रीवास्तव के नाम से एक बुकिंग है, लेकिन अधिकारियों ने बुकिंग या कार्यक्रम के बारे में कोई अतिरिक्त विवरण नहीं दिया।
Published on:
07 Feb 2025 05:17 pm