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कटे हाथ के साथ 150 किमी भागता रहा, बिहार का नाबालिग बना बंधुआ मजदूर, हरियाणा HRC ने लिया मामले का संज्ञान

बिहार के एक नाबालिग को 10 हजार रुपए की नौकरी का झांसा देकर हरियाणा में बंधुआ मजदूर बनाया गया था। अब इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है।

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HHRC took cognizance of the bonded labour case

बंधुआ मजदूर के मामले में HHRC ने लिया संज्ञान (प्रतिकात्मक फोटो- AI जेनरेटेड)

बिहार (Bihar) के किशनगंज के नाबालिग को हरियाणा (Haryana) के जींद में बंधुआ मजदूर बनाने के मामले में हरियाणा मानवाधिकार आयोग संज्ञान लिया है। आयोग ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी करने और भैंस फार्म की त्वरित पहचान करने को कहा है। मीडिया में मामला सामने आने के बाद आयोग ने फौरन इस पर कार्रवाई के आदेश दिए। मामले को लेकर आयोग ने कहा कि यह घटना मानवीय गरिमा का उल्लंघन है। नाबालिग को कई दिनों तक भोजन और पानी से वंचित रखा गया। नाबालिग किसी तरह जीवित बचा। एक शिक्षक की नजर पड़ने पर उसे इलाज मिला।

नौकरी का झांसा देकर बनाया था बंधुआ मजदूर

दरअसल, 1 महीने पहले नाबालिग को हरियाणा के जींद में एक डेयरी फार्म में कथित तौर पर 10 हजार रुपए की नौकरी दिलाने की बात कहकर काम पर रखा था, लेकिन इसके बजाए उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया। न तो उसे मजदूरी दी गई और न ही दो वक्त का ठीक से खाना दिया गया। आरोप है कि फार्म मालिक उसे कमरे से सिर्फ मोटर से चलने वाली चारा कटिंग मशीन चलाने के लिए ही बाहर निकालता था। एक दिन चारा कटिंग मशीन में घास डालते समय उसका हाथ कट गया।

नाबालिग ने बताया कि चोट लगने के बाद फार्म मालिक ने उसे कोई दवाई थी। जिसे खाते ही वह सो गया। जब नींद से जागा तो वह CHC में था। थोड़ी देर जागने के बाद वह फिर सो गया। इसके बाद जब वह नींद से जागा तो उसके बदन पर कपड़े नहीं थे। वह सिर्फ अंडरवियर में था। अस्पताल के कर्मचारियों ने भी उसे जाने कह दिया। जहां वह अपने घर किशनगंज के लिए पैदल ही निकल पड़ा। भूखे प्यासे अर्धनग्न हालत में नूंह के पास उसे बारिश में भीगते हुए दो शिक्षकों ने देखा।

दो शिक्षकों ने उसे बदहवाश हालत में देखा

सरकारी स्कूल टीचर अरविंद कुमार और राकेश कुमार ने उससे बात की तो पता चला कि वह पैदल 1000 किलोमीटर दूर अपने घर की ओर जा रहा है। इसके बाद उन्होंने अपना खाना दिया। फिर नाबालिग को लेकर पुलिस के पास ले गए। इस दौरान वह नाबालिग अपनी स्थानीय भाषा में कुछने लगा। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने बिहार की किशनगंज पुलिस से संपर्क साधा। तब जाकर नाबालिग के परिजनों का पता चला। इसके बाद नाबालिग के परिजन नूंह पहुंचे और उसे अपने साथ ले गए। पुलिस ने कहा कि लड़का डेयरी का सही स्थान या अपने मालिक का नाम नहीं बता सका, लेकिन अगर परिवार शिकायत दर्ज कराने के लिए सहमत होता है तो जांच शुरू की जाएगी। हालांकि, मामले को लेकर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर ली थी।