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Bihar Election: महागठबंधन में अनोखी सीट शेयरिंग! अपने ही उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करेंगे तेजस्वी यादव

दरभंगा ज़िले की गौरा बौराम सीट पर, RJD का उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है, जबकि महागठबंधन का आधिकारिक समर्थन VIP के उम्मीदवार को है। नतीजतन, RJD नेता तेजस्वी यादव को मजबूरी में अपनी ही पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ रहे उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करना पड़ेगा।

2 min read

भारत

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Himadri Joshi

Oct 21, 2025

Tejashwi Yadav

तेजस्वी यादव (फोटो- एएनआई)

बिहार में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। सभी दलों के ज्यादातर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी हो चुकी है। लेकिन महागठबंधन में सीटों के बंटवारें में चल रही लड़ाई से ऐसी परिस्थिती पैदा हो गई है कि RJD नेता तेजस्वी यादव को मजबूरी में अपनी ही पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ रहे उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करना पडे़गा। विपक्षी गठबंधन में दलों के बीच सीटों पर सहमति बनने में बड़ी मुश्किलें आई और अंत तक कुछ सीटों पर मतभेद दूर नहीं हो पाए। इसी के चलते राज्य की कई सीटों पर महागठबंधन में शामिल दलों के उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे है। इसी मुश्किल सौदेबाजी के चलते बिहार के दरभंगा ज़िले की गौरा बौराम सीट के चुनावी प्रचारों के दौरान एक अनोखा नजारा देखने को मिलेगा।

सीटों का बंटवारा फाइनल होने से पहले ही RJD ने दिया टिकट

दरअसल, सीटों का बंटवारा फाइनल होने से पहले ही RJD ने अफ़ज़ल अली खान को अपना चुनाव चिन्ह और दस्तावेज़ देकर गौरा बौराम सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था। लेकिन इसके बाद महागठबंधन में सीट-शेयरिंग की डील हुई और यह सीट मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के खाते में चली गई। जिसके बाद महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर VIP के संतोष सहनी के नाम की घोषणा कर दी गई। इसके बाद RJD ने अफ़ज़ल से पार्टी की चिन्ह वापस कर के पीछे हटने के कहा लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया और RJD के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया।

चुनाव अधिकारियों ने अफजल के पक्ष में लिया फैसला

हालांकि इसके बाद RJD नेतृत्व ने चुनाव अधिकारियों को जानकारी दी कि पार्टी अफजल अली खान की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करती है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि वे अफजल अली खान को चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकते है क्योंकि उन्होंने सही दस्तावेज़ों के साथ अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। इस सभी फेर बदल का नतीजा यह निकला कि अब अफजल RJD के चिह्न लालटेन, पर चुनाव लड़ेगे। जबकि RJD के शीर्ष नेतृत्व तेजस्वी यादव अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करेंगे। इसके परिणामस्वरूप मतदाताओं में सही उम्मीदवार को लेकर कंफ्यूजन पैदा हो सकता है और इसका असर परिणामों पर देखने को मिल सकता है।