ट्रंप का चीन पर टैरिफ वार (ANI)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर दबाव बढ़ाने की अपनी रणनीति को तेज कर दिया है। भारत पर पहले ही 50% तक टैरिफ थोप चुके ट्रंप अब चीन को निशाने पर लेने की तैयारी में जुटे हैं। व्हाइट हाउस से जारी एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत, चीन के रूसी तेल आयात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने का प्रावधान किया गया है, जो अगले हफ्ते से लागू हो सकता है।
ट्रंप ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "भारत ने रूसी तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है, लेकिन चीन अभी भी भारी मात्रा में खरीद रहा है। वे रूस को युद्ध के लिए फंडिंग दे रहे हैं। हम सेकेंडरी टैरिफ लगाकर इसे रोकेंगे।" ट्रंप की यह चेतावनी अगस्त में भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के बाद आ रही है, जब भारत ने रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद जारी रखी थी। उस समय ट्रंप ने भारत पर 25% बेसिक टैरिफ के अलावा 25% पेनल्टी टैरिफ लगाया था, जिससे भारतीय निर्यात पर भारी असर पड़ा।
चीन दुनिया का सबसे बड़ा रूसी तेल आयातक है। हालिया आंकड़ों के मुताबिक, 2025 की पहली छमाही में चीन ने रूस से रोजाना औसतन 2.2 मिलियन बैरल तेल खरीदा, जो वैश्विक आपूर्ति का बड़ा हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि यह आय रूस की यूक्रेन पर आक्रामकता को फाइनेंशियल सपोर्ट दे रहा है। एक्जीक्यूटिव ऑर्डर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि "चीन जैसे देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाकर रूसी अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई जाएगी।" यदि लागू हुआ, तो यह चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स, मैन्युफैक्चरिंग गुड्स और अन्य निर्यातों पर लागू होगा, जिससे अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और गहरा सकता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अगस्त में ट्रंप के फैसले को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताते हुए विरोध दर्ज कराया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था, "हमारी ऊर्जा जरूरतें राष्ट्रीय हित से जुड़ी हैं। यूरोपीय देश भी रूस से व्यापार करते हैं, फिर भारत पर ही क्यों निशाना?" ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी थी कि यदि रूसी तेल आयात न रुका, तो टैरिफ 100% तक बढ़ सकता है। हाल के दिनों में भारत ने रूसी तेल आयात में कमी की है, लेकिन पूरी तरह बंद नहीं किया।
Published on:
18 Oct 2025 08:53 am
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