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झारखंड में ACB की बड़ी कार्रवाई, ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह के छह ठिकानों पर छापेमारी

झारखंड ACB ने वन भूमि घोटाले में चर्चित कारोबारी विनय कुमार सिंह के छह ठिकानों पर छापेमारी की। आरोप है कि उन्होंने जेल में बंद IAS विनय चौबे व अन्य अफसरों संग मिलकर संरक्षित वन भूमि पर अवैध जमाबंदी कराई।

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ACB Raid

झारखंड में ACB की बड़ी कार्रवाई (IANS)

झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने हजारीबाग जिले में वन भूमि घोटाले के मामले में चर्चित ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय कुमार सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को एसीबी ने विनय सिंह के रांची स्थित आवास और दफ्तर सहित उनके छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। इससे पहले 25 सितंबर को एसीबी ने विनय सिंह को गिरफ्तार किया था।

गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल

आरोप है कि विनय सिंह ने जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर 2013 में अधिसूचित वन भूमि पर अवैध जमाबंदी कराई। हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल के तत्कालीन डीएफओ की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यह वन भूमि भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत संरक्षित थी, और इस पर कोई गैर-वानिकी गतिविधि या अतिक्रमण गैरकानूनी है।

रिपोर्ट में सर्वोच्च न्यायालय के 1996 के आदेश का भी हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया था कि जंगल-झाड़ी प्रकृति की भूमि का गैर-वानिकी उपयोग बिना केंद्र सरकार की अनुमति के संभव नहीं है। इसके आधार पर उक्त जमाबंदी को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया गया।

जांच में सामने आया

एसीबी की जांच में सामने आया कि गैर मजरुआ खास किस्म की जंगल प्रकृति की भूमि, जिसे डीम्ड फॉरेस्ट की श्रेणी में रखा गया था, को विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर अवैध रूप से दाखिल-खारिज किया गया। यह प्रक्रिया तब हुई, जब आईएएस विनय चौबे हजारीबाग के उपायुक्त थे। ब्यूरो का कहना है कि सरकारी अभिलेखों में हेरफेर कर करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि को निजी स्वामित्व में बदलने की कोशिश की गई।

आगे की कार्रवाई के लिए जांच जारी

एसीबी सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है। बरामद सामग्रियों के विश्लेषण के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जांच तेज होने से अन्य आरोपियों पर भी शिकंजा कसने की संभावना है।