Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिले के 16 मंदिरों व 15 नर्मदा घाटों पर भी होंगे पूजा- अर्चना के विशेष कार्यक्रम

इसके लिए जिले में 16 मंदिरों और 15 नर्मदा घाटों का चिन्हांकन आरती व नर्मदाष्टक के कार्यक्रम के लिए किया गया है।

less than 1 minute read
01_3.jpg

deepeshwar barman mandir

नरसिंहपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार 11 अक्टूबर को उज्जैन में ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा, विस्तार और सौंदर्यीकरण के निमित्त नवनिर्मित "महाकाल लोक" के प्रथम चरण का लोकार्पण करेंगे। श्री महाकाल लोक का कार्यक्रम उज्जैन सहित सम्पूर्ण प्रदेश के लिए गौरव का दिन होगा। उक्त कार्यक्रम का जिले के बड़े मंदिरों में सायं 5 बजे से सीधा प्रसारण किया जाएगा। जिससे जिलेवासी इस गौरवपूर्ण कार्यक्रम के सहभागी व साक्षी बन सकें। जिले के प्रमुख स्थलों पर भी महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा। इसके लिए जिले में 16 मंदिरों और 15 नर्मदा घाटों का चिन्हांकन आरती व नर्मदाष्टक के कार्यक्रम के लिए किया गया है।

नरसिंह मंदिर नरसिंहपुर-इसी क्रम में जिन मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, उनमें से नरसिंह मंदिर- जिला मुख्यालय नरसिंहपुर का नाम यहां विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह के मंदिर के निर्माण के कारण पड़ा। जिले और मुख्यालय नगर दोनों का एक ही नाम नरसिंहपुर नरसिंहजी के मंदिर के कारण पड़ा है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान के सिंह के सिर वाले मानव अवतार हैं। सन्‌ 1782 के पश्चात्‌ एक जाट लुटेरा मुख्यालय ग्राम चांवरपाठा परगने को छोड़कर, जो मराठों के अधिकार में था, जिले के वर्तमान मुख्यालय में आ बसा, जो उस समय एक छोटासा गांव था और गडरियाखेड़ा कहलाता था और बाद में छोटा गाडरवाड़ा कहलाने लगा। उसने दिल्हेरी और पिथेरा के जागीरदारों को लूटा और इस स्थान पर लूट की कुछ सामग्री से एक महल नरसिंह मंदिर बनवाया। उसने ही इस मंदिर के नाम पर इस गांव का यह नाम रखा। तथापि, उस समय तक यह जिला नरसिंहपुर नहीं कहलाता था और उसे शाहपुर ही कहा जाता था, जो कि पुराने परगने का मुख्यालय था।