
बैरिकेडिंग हटाते हुए। फोटो: पत्रिका
डीडवाना। कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर के पैर फ्रैक्चर मामले में नया अपडेट आया है। डीडवाना कुचामन पुलिस ने विधायक भाकर के पुलिस लाठीचार्ज से पैर फ्रैक्चर होने का खंडन किया है। साथ ही पुलिस ने स्पष्टीकरण देते हुए एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
ये वीडियो डीडवाना-कुचामन जिला कलक्ट्रेट के बाहर हुए उसी विरोध प्रदर्शन का है। जिसमें विधायक मुकेश भाकर पर पुलिस लाठीचार्ज में घायल होने की बात कही जा रही है। इस पर पुलिस ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि 27 अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग की गई थी। इसी दौरान लाडनूं विधायक भाकर बैरिकेड पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे। तभी वो खुद चोटिल हो गए।
पुलिस ने ये भी साफ़ किया है कि कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ है, जिसका प्रमाण उपलब्ध वीडियो फुटेज से भी मिलता है। पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही भ्रामक खबरों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। बता दें कि मुकेश भाकर के पैर में फ्रैक्चर होने पर कांग्रेस के नेताओं ने पुलिस लाठीचार्ज का ज़िक्र करते हुए घटना की निंदा की थी।
कस्टोडियन भूमि किसानों को आवंटित करने की मांग को लेकर सोमवार को कलक्टर कार्यालय का घेराव करने के लिए भारी भीड़ जुटाई गई थी। इस दौरान पुलिस और किसान नेता सभी आमने-सामने हो गए, बैरिकेडिंग को नीचे गिरा दिया गया था। प्रदर्शन में किसान नेता भागीरथ यादव सबसे पहले बैरिकेडिंग पर खड़े हो गए थे। प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर कार्यालय में जबरन घुसने का प्रयास किया था। इस दौरान पूर्व विधायक चेतन डूडी, लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, एसएफआई के नेता जगदीश गोदारा, सीकर सांसद अमराराम, पूर्व विधायक बलवान पूनिया भी बैरिकेडिंग पर चढ़ गए थे। इसी प्रदर्शन के दौरान लाडनूं विधायक मुकेश भाकर का पैर टूटा था।
Updated on:
29 Oct 2025 01:13 pm
Published on:
29 Oct 2025 10:35 am
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