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खूब हुई मेहमानी, नम आंखों से विदा किए भगवान द्वारिकाधीश

दाऊजी मंदिर में चल रही लीला मेला का हुआ समापन, साढ़े तीन दिन तक प्रतीकात्मक रूप में चली श्रीकृष्ण बाल लीलाएं, कन्हैया गायन प्रतियोगिता में शामिल हुई कई गांव की टीम

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मुरैना. श्रीदाऊजी मंदिर मुरैनागांव में साढ़े तीन दिन तक भगवान द्वारिकाधीश की खूब मेहमानी हुई। शनिवार को भगवान द्वारिकाधीश को नम आंखों से विदा कर दिया। जिस समय भगवान की विदाई हुई उस समय श्रद्धालुओं के गले भर आए। भगवान श्रीकृष्ण व बलदाऊ के वेश में तैयार बालक दीपावली की पड़वा से मंदिर परिसर में ही बैठे थे। इनको भगवान का स्वरूप मानकर लोग पूजा अर्चना करते रहे। अंतिम दिन मुकेश स्वामी, शनि स्वामी के घर पर भगवान का भोग लगाया, पूजा की उसके बाद द्वारिकाधीश विदा हो गए।


हर साल दाऊजी मंदिर पर लीला मेला का आयोजन होता है। इस बार दीपावली की पड़वा 22 अक्टूबर से लीला मेला शुरू हुई, इस दौरान पड़वा से भगवान साढ़े तीन दिन के लिए मेहमान बनकर मंदिर में विराजे। इस दौरान पहले दिन प्राचीन तालाब में नागदेवता के रूप में भगवान ने दर्शन दिए। और उसके बाद तमाम लीलाएं प्रतीकात्मक रूप से आयोजित की गई जो द्वापुर युग में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा की गई थीं। पहले दिन पड़वा को नाग नाथ, माखन चोरी व पूतना बध की लीला हुई। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण ने बृज में जो भी लीलाएं कीं, वह प्रतीकात्मक रूप में मंदिर परिसर में आयोजित की गईं। भगवान जब आए तब श्रद्धालु बैंडबाजों की थाप पर जमकर नाचे और खुशी मनाई गई और अब जब विदाई हुई तो लोगों की आंखे नम हो गई और श्रद्धालुओं ने भगवान से अगली वर्ष लीला में आने का अनुरोध करते हुए उनको विदा किया गया।

ये हुआ लीला में

लीला में दूसरे दिन 23 अक्टूबर दौज की रात को कन्हैया मुकाबला और 24 नवंबर की सुबह घोड़ी दौड़ हुई। हालांकि इस बार काफी कम मात्रा में घोड़ी आ सकीं। वहीं विभिन्न समाजों की अलग अलग दिन पंचायत, सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात रहा। लीला मेला में लोगों ने झूला, खरीदारी का लुत्फ उठाया।