
मुरैना. इस साल अति वर्षा के चलते बाजरा की फसल नहीं हुई तो किसानों ने इस उम्मीद से धान की फसल बाई कि इससे गुजारा हो जाएगा लेकिन अचानक दो दिन से हो रही बारिश के चलते धान की फसल भी बर्बाद हो गई। दो दिन में हुई 34.7 मिमी बारिश के चलते जिले में करीब 5000 बीघा में धान की फसल और 20 सरसों की फसल नष्ट होने का अनुमान है। उधर क्वारी व सांक नदी का जल स्तर बढऩे से रपटों पर पांच फीट से अधिक पानी हाने से कई गांवों का रास्ता बंद हो गया है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है।
अचानक मौसम में आए बदलाव के चलते सोमवार व मंगलवार को हुई जिले में बारिश से फसलों में क्षति होने से किसान चिंतित है। जिले में धान, सरसों के अलावा सोयावीर की फसल में भी नुकसान हुआ है। किसानों ने धान की फसल काटकर खेतों में रख दी थी, तभी बारिश होने से कटी हुई धान की फसल पानी में उतरा गई और भींगने से किसानों को भारी क्षति हुई है। वहीं अति वर्षा से क्वारी नदी में पानी बढऩे से बागचीनी, गलेथा, खरिका सहित करीब आधा दर्जन रपटों पर पांच फीट से अधिक पानी ऊपर हो गया। इसके चलते आधा सैकड़ा गांवों का रास्ता बंद हो गया। खासकर सिकवारी क्षेत्र में यात्री बस सहित अन्य वाहनों को वापस होना पड़ा। वहीं आसन नदी में अचानक पानी बढऩे से छौंदा पुल के पास जमीन का समतल कर रही जेसीबी पानी में डूब गई।
जिले के मुरैना विकासखंड के ग्राम लोहगढ़, जरारा, चुरहेला, बैंडा, गिरगोनी, मदनबसई, बिचोला, बमरोली, बिसेंठा, अरदौनी, प्रतापपुरा, भैंसोरा, मितावली, पढ़ावली, रिठौरा, नौगांव सहित जौरा, कैलारस व सबलगढ़ के दर्जनों गांवों में करीब 5000 बीघा धान की फसल नष्ट होने का अनुमान हैं।
बानमोर. पिछले दो दिन से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण तिघरा बांध के गेट खोल देने से सांक नदी में पानी बढ़ गया और पवाया रोड के रपटे के पुल पर 3 फीट पानी हो गया। जिस कारण आधा दर्जन से अधिक गांवों का रास्ता प्रभावित हो गया है। रपटा के ऊपर पानी आने से ग्रामीणों को 15 किलोमीटर का फेर लगाकर टेकरी होकर के आना जाना पड़ रहा है।
विख वर्षा (मिमी में)
पोरसा 22.0
अंबाह 21.8
मुरैना 49.4
जौरा 53.0
कैलारस 47.0
सबलगढ़ 15.0
जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण कई गांव प्रभावित हुए हैं प्रभावित ग्रामों का किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह डंगस ने दौरा किया। कांग्रेस नेता ने ग्राम लोहगढ़, जरारा, चुरहेला, बैंडा, गिरगोनी, मदनबसई, बिचोला, बमरोली, बिसेंठा सहित अन्य ग्रामों पहुंच कर फसलों में हुई क्षति का जायजा लिया। मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि अतिवृष्टि के कारण कटाई के लिए तैयार एवं कटकर खेतों में रखी धान एवं अन्य फसलों में हुए भारी नुकसान का तत्काल सर्वे कराकर पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाए।
दीपावली के बाद जिन किसानों ने बोनी की थी, वह बारिश से नष्ट हो गई। हमारे गांव में 20 प्रतिशत सरसों की फलस नष्ट हुई है।
बारिश से पहले बाजरा की बोनी नहीं हो सकी और जो बोया वह भी गल गया। अब बारिश से सरसों की फसल में भी काफी नुकसान हुआ है।
जिले में बारिश से धान, सोयाबीन की फसल में क्षति हुई है। सर्वे के आदेश कर दिए हैं, जल्द ही सर्वे की रिपोर्ट आने पर किसानों को मुआवजा की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
Published on:
30 Oct 2025 11:05 am
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