मुरैना. सांसद खेल महोत्सव 21 सितंबर से शुरू हो चुकी है इसको लेकर जिला व विकासखंड स्तर पर अधिकारियों ने बैठक कर तैयारी कर ली है लेकिन जिला मुख्यालय पर स्टेडियम एवं विधानसभा स्तर पर बने खेल मैदान जर्जर हालत में पड़े हैं, ऐसी स्थिति में प्रतियोगिताएं प्रोपर खेल मैदानों पर न होकर मजबूरन स्कूलों के मैदानों पर करानी पड़ रही हैं।
खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य शासन ने जिला पंचायत के माध्यम से जिले की 6 विधानसभा में 80-80 रुपया खर्च करके खेल मैदान बनवाए थे। लेकिन ये खेल मैदान जर्जर हालत में पड़े हैं। जिले में 21 सितंबर से सांसद खेल महोत्सव शुरू हो रहा है। पिछले कई दिन से सांसद खेल महोत्सव की तैयारियों को लेकर प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिध बैठक ले रहे हैं लेकिन इन तैयारियों के साथ अगर ग्रामीण खेल मैदान की सफाई करा दी जाती तो यहां प्रतियोगिताएं कराने में सहूलियत होती। वहीं जिला मुख्यालय पर तीन साल पहले शासन से आई 11.39 करोड़ रुपए की राशि से स्टेडियम की मरम्मत का कार्य शुरू किया था। उसमें अभी तक कार्य पूरा नहीं हो सका है। खेल विभाग के जिम्मेदारों का कहना हैं कि दिसंबर माह तक स्टेडियम की मरम्मत का कार्य पूरा होने की संभावना हैं।
सांसद खेल महोत्सव के तहत प्रतियोगिताएं तीन चरणों में 21 सितंबर से 25 दिसंबर तक होंगी। पहले दिन दिमनी के देवलाल का पुरा एवं जौरा के सी एम राइज स्कूल में सांसद शिवमंगल सिंह तोमर प्रतियोगिताओं का शुरूआत करेंगे। प्रथम चरण में प्रतियोगिताएं मंडल व पंचायत स्तर पर होगी। एक विधानसभा में तीन से पांच तक मंडल हैं। प्रत्येक मंडल में 16 पंचायत हैं। पहले 16 पंचायतों के बीच रस्साकसी, कबड्डी, बालीवॉल, एथलेटिक्स की टीमों के बीच मुकावला होगा। प्रत्येक मंडल स्तर पर चारों खेलों की एक- एक टीम विजयी होगी। उसके बाद विधानसभा स्तर और यहां विजयी होने वाली टीमों के बीच जिला स्तर पर मुकावला होगा। यहां विजयी होने वाली टीमों का श्योपुर से इंटर कंपटीशन होगा।
दिमनी विधानसभा क्षेत्र के किशनपुर गांव, अंबाह विधानसभा के अंर्तगत पोरसा कस्बे से पांच-छह किमी दूर खोयला पंचायत के शाहपुरा गांव, जौरा विधानसभा मुख्यालय से छह किमी दूर अगरौता गांव, सबलगढ़ विधानसभा मुख्यालय से 5 किमी दूर पासौनकलां गांव में 80-80 लाख से स्टेडियम का निर्माण कराया गया। इन खेल मैदानों (स्टेडियम) के मुख्य गेट टूट चुके हैं। अंदर बने लेट-बाथ की शीट्स व अन्य सामान क्षतिग्रस्त पड़े हैं। स्टेडियम में ट्रैक नहीं हैं। मैदान ऊबड़-खाबड़ पड़े हंै।
अंबाह कस्बे में खजूरी पर 2 करोड़ 75 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी स्टेडियम खेलने योग्य नहीं हो सका है। इसका निर्माण तो खेल एवं युवक कल्याण विभाग के द्वारा कराया जा रहा है। आज भी स्टेडियम का निर्माण अधूरा है। इसको 95 लाख रुपए से बनाया गया था। इसके बाद 2 करोड़ रुपए से बाउंड्रीवाल और ट्रैक बनाया गया। लेकिन इसमें कबड्डी, खो-खो बॉलीबॉल के खेल मैदान नहीं बने जबकि अंबाह वॉलीबॉल, खो-खो व कबड्डी के खिलाडियों का जिले में सबसे बड़ा सेंटर है।
सांसद खेल महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रविवार से प्रतियोगिताएं शुरू होंगी। इसके लिए विकासखंड स्तर पर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये प्रतियोगिताएं पंचायत व विकासखंड स्तर पर सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के उपयुक्त मैदानों पर होंगी।
Updated on:
24 Sept 2025 06:59 pm
Published on:
24 Sept 2025 06:58 pm
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