मुरैना. नेशनल हाइवे- 552 यानि मुरैना- अंबाह रोड का चौड़ीकरण इसलिए किया गया कि यहां वाहन चालकों को आवागमन में सहूलियत मिले, लेकिन यातायात को व्यवस्थित करने के लिए प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। खरीफ फसल (बाजरा) कटने के बाद लोगों के पास उससे निकलने वाली करब को हाईवे किनारे ढेर बनाकर रख रहे हैं। सडक़ के दोनों साइड करब से वाहन चालकों को सडक़ से नीचे उतरने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे सडक़ हादसों में लोग जख्मी हो रहे है।
मुरैना से अंबाह के दो दर्जन से ज्यादा गांव सडक़ किनारे बसे हुए हैं। जिन लोगों के घर या खेत हाईवे के किनारे हैं वह सडक़ पर करब के ढेर लगा रहे हैं। स्थिति यह है कि करब का ढेर आधी सडक़ पर फैल गया। यही स्थिति हाइवे रोड के बाजू में बसे अन्य गांव में जाने वाली सहायक सडक़ों की भी है। इससे सडक़ों पर गंदगी तो फैल ही रही है साथ ही दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। अंबाह निवासी अमन ने बताया कि वह रविवार की रात मुरैना से अंबाह आ रहे थे। दिमनी गांव पर क्वारी नदी के पुल से पहले सामने से तेज रफ्तार ट्रक आ गया। इसके चलते उन्होंने कार पटरी पर उतार दी। सडक़ पर करब का ढेर लगा हुआ था। कार की रफ्तार कम थी जिसके चलते हादसा नहीं हुआ।
खेत खाली करने के लिए हाईवे किनारे ढेर लगा देते हैं किसान
किसानों के पास घरों और गांवों में भी इतनी जगह नहीं है कि पूरी करब को सुरक्षित रख सकें। सर्दियों भर करब को बारीक काटकर मवेशियों के चारे के रूप में उपयोग में लिया जाता है। इसलिए किसान खेतों से करब उठाकर सडक़ों के किनारे ढेरी बनाकर रख देते हैं ताकि वह रबी सीजन की फसलों के लिए खेतों की जुताई कर सकें। लेकिन किसानों की सहूलियत हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन रही है।
हाईवे से रोज गुजरते हैं 5 से 7 हजार वाहन
मुरैना से अंबाह, पिनाहट, पोरसा, गोरमी, महंगाव, भिंड, अटेर, फूड, गोहद, इटावा जाने का प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग पर रोजाना 5 से 7 हजार वाहन गुजरते हैं। मुरैना से अंबाह तक यातायात हर समय अधिक रहता है। जाम लगता रहता है और लोग फंसकर परेशान होते रहते है। उसके बाद सडक़ पर करब के ढेर होने से हो रहे हादसों से लोगों की जान आफत में पड़ रही है।
30 किमी के दायरे में दो दर्जन से अधिक जगह करब के ढेर
नगर मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर मुरैना तक सडक़ किनारे दो दर्जन से अधिक जगह करब के ढेर लगे हुए है। जिसमें से तकरीबन आधा दर्जन से अधिक जगह यातायात में बाधा खड़ी हो रही है। पिछले साल दिमनी के पास साइड लेते समय करब से टकराकर ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे का शिकार हो गई थी। कई बाइक सवार भी हादसे का शिकार हो रहे हैं।
फैक्ट फाइल
5000 से ज्यादा छोटे बड़े वाहनों का आवागमन होता है अंबाह मुरैना रोड पर।
05 प्रमुख रूटों के लिए इसी हाईवे का उपयोग करते हैं वाहन चालक।
07 घंटे दिन में सबसे अधिक रहता है ट्रैफिक।
07 दिन में आधा दर्जन हादसे हो चुके हैं करब की वजह से।
ये बोले राहगीर
लोगों ने अंबाह मुरैना मार्ग पर सडक़ से सटकर कई जगह करब के ढेर लगाकर रखे है। आमने सामने से भारी वाहन आने पर सडक़ के नीचे वाहन उतारने की जगह नहीं बचती। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है
पिनाहट जाने वाली कुम्हरपुरा से जहारपुरा रोड पर निकलते ही सामने से ट्रक और दूसरी ओर से बस आ जाने पर संतुलन बिगड़ गया। स्पीड कम होने से बाइक नियंत्रित हो गई नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। ऐसा दिन में कई लोगों के साथ होता है।
नेशनल हाइवे प्रबंधन को हम स्वयं या कलेक्टर के माध्यम से पत्र लिखाएंगे। साथ ही मुनादी भी करवाई जाएगी। यातायात के सुचारू संचालन में आने वाली हर बाधा को हटाया जाएगा।
Published on:
15 Oct 2025 10:41 am
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