बांके बिहारी मंदिर में 30 फीट नीचे मिला तहखाना। फोटो सोर्स-Ai
Banke Bihari Temple Tosh Khana Open: बांके बिहारी मंदिर के तोशाखाना में रविवार को फिर से खजाने की खोज हुई। मुख्य दरवाजे को ग्राइंडर से काटकर टीम और कमेटी के सदस्यों ने अंदर प्रवेश किया गया। जहां तहखाने का पता चला।
लकड़ी के 2 संदूक मुख्य दरवाजे के अंदर बने एक कमरे में मिले, जिनमें कई बर्तन, कीमती नग और सिक्के थे। एक लंबे लकड़ी के बक्से में सोने की चमचमाती छड़ी और गुलाल लगी हुई तीन चांदी की छड़ें पाई गईं।तहखाने में नीचे उतरने पर साफ-सफाई देखने को मिली। खजाने के बारे में दिनेश गोस्वामी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है मानो ठाकुर जी ने होली के समय चांदी की छड़ियों से रंग खेला हो, और 4-5 दिन बाद धुरेली पर सोने की छड़ी धारण की होगी।
छड़ियों का वजन अभी ज्ञात नहीं है और उनका परीक्षण किया जाएगा। हालांकि तहखाना पूरी तरह से साफ था, जिससे वहां कोई अन्य वस्तु नहीं मिली।
बता दें कि विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के गर्भ गृह के नीचे स्थित पुराने 'तोषाखाना' शनिवार, 18 अक्टूबर को खोला गया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की निगरानी में होने वाली इस कार्रवाई से 54 साल से बंद सच से पर्दा उठा।
बता दें कि बांके बिहारी मंदिर पूरे भारत के सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक है। यह मंदिर मथुरा जिले के वृंदावन धाम में रमण रेती इलाके में स्थित है। भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह रूप 'बांके बिहारी' को समर्पित है। बांके बिहारी मंदिर का निर्माण सन् 1864 में स्वामी हरिदास ने कराया था, जो भक्त कवि और संगीतकार होने के साथ-साथ प्रसिद्ध संत भी थे
Updated on:
19 Oct 2025 05:24 pm
Published on:
19 Oct 2025 05:00 pm
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