
योगी सरकार की सख्त कार्रवाई: नशे के कारोबार पर चला हंटर (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
Yogi Government Crackdown: नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में एक बड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने राज्यभर में कोडीनयुक्त कफ सिरप, नारकोटिक्स और साइकोट्रॉपिक श्रेणी की दवाओं के अवैध भंडारण, बिक्री और वितरण पर नकेल कसने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। इस सघन छापेमारी में अब तक लाखों रुपये मूल्य की अवैध औषधियां जब्त, 16 एफआईआर दर्ज और 6 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
राज्यभर में औषधि प्रशासन विभाग की टीमें लगातार सक्रिय हैं। आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेशभर के 115 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई। इनमें से कई प्रतिष्ठानों से अवैध नशीली दवाओं के स्टॉक जब्त किए गए, 115 नमूने जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं। अब तक 25 मेडिकल स्टोर्स को संदिग्ध गतिविधियों के चलते नोटिस जारी कर उनकी कोडीनयुक्त सिरप और नॉरकोटिक दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। डॉ. जैकब ने बताया कि आम जनता से भी अपील की गई है कि यदि किसी को नशे के रूप में दवाओं की बिक्री या भंडारण की सूचना हो तो वह इसे विभाग के जारी व्हाट्सएप नंबर 8756128434 पर भेज सकता है।
एफएसडीए की इस कार्रवाई में कई जिलों में एनडीपीएस (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) एक्ट के तहत कठोर कदम उठाए गए हैं। लखनऊ में 11 अक्टूबर को एक अवैध गोदाम से लगभग ₹3 लाख मूल्य की Phensypik T Syrup बरामद की गई और दीपक मानवानी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। बहराइच में 13 अक्टूबर को Royal Pharma और Mamta Medical Agency से लगभग ₹30 हजार की अवैध दवाएं जब्त कर दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। लखीमपुर खीरी में 14 अक्टूबर को Piyush Medical Agency के मालिक के घर से ₹68 लाख मूल्य की Tramadol Capsules बरामद की गईं और सरोज कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया।
वहीं 4 नवंबर को New Roy Medical Agency (लखीमपुर खीरी) से ₹2 लाख मूल्य की 1200 कोडीनयुक्त बोतलें पकड़ी गईं और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही लखनऊ में इन दवाओं की मार्केटिंग करने वाली कंपनियों ARPIK और IDHIKA Lifesciences Pvt. Ltd. के डिपो पर भी छापे मारकर रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं।
नशीली दवाओं की बिक्री के साथ-साथ, विभाग ने अवैध बिलिंग और ग़लत स्टॉक रिकॉर्ड रखने वाले प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई की है। सीतापुर में Naimish Medical Store के संचालक पर BNS की धारा 318(1) और 335 के तहत केस दर्ज किया गया। रायबरेली में Ajay Pharma के मालिक पर धारा 318(2), 336(3) और 340(2) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। लखनऊ के Shri Shyam Pharma और सुल्तानपुर के Vinod Pharma पर भी इसी प्रकार की कार्रवाई हुई। उन्नाव में Ambika Healthcare पर एक लाख से अधिक कोडीनयुक्त सिरप के बिल न दिखाने पर मामला दर्ज किया गया। कानपुर नगर में Maa Durga Pharma पर 40,000 से अधिक सिरप के बिल प्रस्तुत न करने पर एफआईआर हुई। बांदा, जालौन, और कानपुर जिलों में DMC Company, Sisodiya Medicine House, A.S. Healthcare, R.S. Healthcare और Balaji Medical Store पर भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 की धारा 22(1)(d) के तहत अब तक 25 मेडिकल स्टोर्स पर नशीली औषधियों की बिक्री रोक दी गई है। ये मेडिकल स्टोर्स लखनऊ, कानपुर नगर, रायबरेली, सीतापुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, वाराणसी और कौशांबी जैसे जिलों में स्थित हैं। विभाग ने विशेष रूप से नेपाल सीमा से सटे जनपदों और हरियाणा, दिल्ली, पंजाब से जुड़े जिलों में दवाओं की अवैध आवाजाही पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ा दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। औषधि प्रशासन की यह कार्रवाई सरकार की “जीरो टॉलरेंस नीति” का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि नशे का अवैध कारोबार समाज के ताने-बाने को तोड़ता है, युवाओं को अपराध की ओर धकेलता है और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। इसी कारण इस अभियान को राज्यव्यापी जन-आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई गई है।
Updated on:
04 Nov 2025 10:03 pm
Published on:
04 Nov 2025 09:47 pm
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