
माफिया की जमीन पर अब बसेगा ‘गरीबों का घर' (फोटो सोर्स : Ritesh Singh )
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को लखनऊ के हजरतगंज स्थित डालीबाग में माफिया मुख्तार अंसारी से खाली कराई गई बेशकीमती जमीन पर बने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के फ्लैटों की चाबी लाभार्थियों को सौंपेंगे। यह आयोजन डीजीपी आवास के सामने स्थित एकता वन में होगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री 72 लाभार्थियों को उनके नए घरों की चाबी सौंपेंगे। यह योजना न केवल मुख्यमंत्री योगी की “जीरो टॉलरेंस नीति” का प्रतीक है, बल्कि उन गरीब परिवारों के लिए भी उम्मीद की किरण है जो वर्षों से अपने खुद के आशियाने का सपना देख रहे थे।
मुख्तार अंसारी ने हजरतगंज के पॉश इलाके डाली बाग की लगभग 2,322 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा था। यह भूमि बेहद प्राइम लोकेशन पर स्थित थी, जहां से हजरतगंज, नरही, सिकंदराबाद, 1090 चौराहा और बालू अड्डा जैसे प्रमुख स्थल महज 5 से 10 मिनट की दूरी पर हैं। योगी सरकार ने माफिया पर कार्रवाई के क्रम में इस अवैध कब्जे को मुक्त कराया और इसे समाज के कमजोर तबके के हित में उपयोग करने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि माफिया की जब्त जमीन पर अब गरीबों के घर बसाए जाएंगे, ताकि अपराध की भूमि पर सामाजिक न्याय की नई नींव रखी जा सके। इसी दिशा में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने “सरदार वल्लभ भाई पटेल आवासीय योजना” की शुरुआत की।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि इस योजना में ग्राउंड प्लस थ्री स्ट्रक्चर के तहत तीन ब्लॉक बनाए गए हैं। हर फ्लैट का क्षेत्रफल 36.65 वर्ग मीटर है और कुल 72 फ्लैटों का निर्माण किया गया है। इन फ्लैट्स में स्वच्छ जल आपूर्ति, विद्युत कनेक्शन, दोपहिया वाहनों की पार्किंग और सुरक्षा के आधुनिक इंतजाम किए गए हैं। बाह्य विकास कार्यों के तहत योजना परिसर में सड़क, जल निकासी, और पार्क का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है।
इस योजना के तहत प्रत्येक फ्लैट की कीमत ₹10.70 लाख तय की गई है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के परिवार बिना अधिक आर्थिक बोझ के अपने सपनों का घर खरीद सकें। फ्लैटों की लोकेशन इतनी प्रमुख है कि यह योजना अब लखनऊ में “सपनों का आशियाना” कही जा रही है। सरकार का दावा है कि यह फ्लैट्स न केवल सुविधाजनक हैं, बल्कि सुरक्षित, स्वच्छ और किफायती आवास मॉडल का उदाहरण भी हैं।
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया 4 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक खुली थी। प्राधिकरण को इस अवधि में लगभग 8,000 आवेदन प्राप्त हुए, जबकि उपलब्ध फ्लैट्स की संख्या केवल 72 थी। इससे यह स्पष्ट है कि आम जनता में इस योजना को लेकर भारी उत्साह रहा। सोमवार को लॉटरी प्रक्रिया पूरी की गई, जिसमें पात्रता और पारदर्शिता के आधार पर 72 आवेदकों का चयन किया गया। इन सभी को बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं चाबी सौंपेंगे।
कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के डीजीपी आवास के सामने एकता वन में किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी, लाभार्थी परिवार और शहर के कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री प्रदेश की “माफिया मुक्त और गरीब हितैषी नीति” पर अपने विचार भी साझा करेंगे। यह पहली बार होगा जब किसी माफिया से खाली कराई गई जमीन पर बने भवनों की चाबी सीधे मुख्यमंत्री के हाथों लाभार्थियों को सौंपी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत अब तक प्रदेश में कई माफियाओं और अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त कर जनहित में उपयोग में लाया जा चुका है। डालीबाग की यह परियोजना उसी नीति का प्रत्यक्ष उदाहरण है,जहां कभी अपराध और कब्जे की दीवारें थी, अब वहां गरीबों के सपनों के घर खड़े हैं। यह पहल सरकार की उस सोच को दर्शाती है, जिसमें कानून का डर और न्याय का भरोसा दोनों साथ चलते हैं।
लॉटरी में चयनित लाभार्थियों के चेहरे पर खुशी और कृतज्ञता साफ झलक रही है। कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने वर्षों तक किराए के मकानों में गुजारा किया, और अब उन्हें अपने नाम का घर मिलने जा रहा है। गोल मार्केट निवासी रजिया परवीन कहती है कि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि डाली बाग जैसे इलाके में हमारा खुद का घर होगा। मुख्यमंत्री जी ने गरीबों का सपना साकार किया है। इसी तरह अमितेश कुमार, जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, बोले कि यह सिर्फ एक फ्लैट नहीं, बल्कि हमारी इज्जत और सुरक्षा का प्रतीक है।”
एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि डाली बाग की इस योजना की सफलता के बाद ऐसी ही परियोजनाएँ शहर के अन्य हिस्सों में भी लाई जाएंगी। लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में कम से कम 1000 EWS फ्लैट्स का निर्माण किया जाए। इसके लिए प्राधिकरण ने पहले से चिन्हित कई स्थलों पर सर्वे शुरू कर दिया है।
Published on:
04 Nov 2025 08:04 pm
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