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मायावती को मिल गया समाजवादी पार्टी के PDA की ‘काट’ का तरीका! क्या है प्लान

UP Politics: समाजवादी पार्टी के PDA की 'काट' का तरीका क्या मायावती को मिल गया है? दलितों के बाद पिछड़ों की बड़ी बैठक लखनऊ में बुलाई गई है।

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लखनऊ

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Harshul Mehra

Oct 25, 2025

mayawati taunts bjp UP Politics

फोटो सोर्स-IANS

UP Politics: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती एक महीने के अंदर चौथी बड़ी बैठक करने वाली है। लखनऊ में 1 नवंबर को बड़ी बैठक बुलाई गई है।

पहली बार बैठक की तारीख में बदलाव किया गया है। वैसे हर महीने बैठक 11 तारीख को होती थी जिसे प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, मेवालाल गौतम और प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय महासचिव राम अवतार मित्तल लेते थे। मायावती के कार्यालय से बैठक को लेकर सूचना दी गई है।

पिछड़ों पर BSP की नजर

पार्टी सूत्रों का कहना है कि दलितों के बाद अब पिछड़ों पर BSP की नजर है। इसी वजह से 1 नवंबर को लखनऊ में पिछड़ों की बैठक बुलाई गई है। वहीं, BSP सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम भाईचारा कमेटियों का भी गठन कर दिया है। BSP के इस कदम को राजनीतिक जानकार 2027 विधानसभा से पहले समाजवादी पार्टी के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट के तौर पर देख रहे हैं।

बैठक में कौन-कौन होगा शामिल

पिछड़ा वर्ग भाईचारा कमेटी के मंडल प्रभारी और जिले के पिछड़ा वर्ग भाईचारा कमेटी के प्रभारी BSP की इस बैठक में शामिल होंगे। OBC की आबादी प्रदेश में 50 प्रतिशत से ज्यादा है। इसमें सपा के कोर वोटर 8 प्रतिशत यादव हैं। कुर्मी-निषाद और राजभर के नाम से क्षेत्रीय पार्टियां इसके अलावा अलग–अलग दलों में इन तबकों के वोट बटोरते रहते हैं। बाकी 30 प्रतिशत OBC समाज बिखरा हुआ है।

OBC वर्ग की जातियों को एकजुट करने में जुटी मायावती

सियासी गलियारों में चर्चा है कि मायावती की नजर आगामी चुनावों में OBC वर्ग की जातियों को एकजुट करने पर है। इसी रणनीति के तहत BSP ने लगातार दूसरी बार अति पिछड़े पाल समाज से आने वाले विश्वनाथ पाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।

गौरतलब है कि 2007 में BSP में OBC समाज से कई प्रभावशाली नेता शामिल थे — जिनमें बाबू कुशवाहा, स्वामी प्रसाद मौर्य, ओमप्रकाश राजभर, राम अचल राजभर, रामप्रसाद चौधरी, दद्दू प्रसाद, सुखदेव राजभर और फागू चौहान जैसे चेहरे प्रमुख थे। इनमें से कई नेताओं को मायावती ने अपने मंत्रिमंडल में भी शामिल किया था।