Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

 69 हजार शिक्षक भर्ती पर बवाल: मायावती आवास के बाहर प्रदर्शन; अभ्यर्थियों ने कहा-बहनजी न्याय दिलाएंगी 

69000 Teacher Bharti: लखनऊ में 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कमजोर पैरवी के कारण भर्ती अटकी हुई है। वे मायावती से हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Oct 26, 2025

69 हज़ार भर्ती: मायावती आवास पर हंगामा (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

69 हज़ार भर्ती: मायावती आवास पर हंगामा (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

69000 Teacher Bharti BSP Mayawati: उत्तर प्रदेश की चर्चित 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती एक बार फिर सड़कों पर गर्माहट फैलाती दिखाई दी। शनिवार से जारी आंदोलन रविवार को और उग्र हो गया, जब बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बसपा सुप्रीमो मायावती के लखनऊ स्थित आवास के बाहर पहुंच गए। अभ्यर्थियों ने नारे लगाते हुए कहा कि उन्हें पाँच साल बीत जाने के बावजूद नौकरी नहीं मिली है। उनका आरोप है कि सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सही पैरवी नहीं की जा रही, जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया लगातार अटकी हुई है।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच हल्की नोकझोंक भी देखने को मिली। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी तैनात की गई थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके। अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मायावती के मीडिया प्रभारी मेवा लाल से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपने की तैयारी में है।

बहनजी हमारी नेता हैं, जरूर कदम उठाएंगी -अभ्यर्थी

प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि मायावती हमेशा बहुजन समाज के हक की लड़ाई लड़ती रही हैं और वे उनसे उम्मीद रखते हैं। बहनजी चाहे तो प्रदेश सरकार से बात करके हमारा रास्ता साफ करवा सकती हैं। हम सब बहुजन समाज से हैं और मायावती जी हमारी हितैषी रही हैं। हमें भरोसा है कि वह न्याय दिलाएँगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बात तो बहुत होती है, लेकिन उन युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है जो वर्षों की तैयारी के बावजूद नियुक्ति की आस में भटक रहे हैं।

सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में कमजोर पैरवी का आरोप

69,000 शिक्षक भर्ती मामला लगातार कानूनी विवाद में उलझा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कोर्ट में सरकार की ओर से तकनीकी और आवश्यक तर्कों को मजबूती से नहीं रखा जा रहा। बार-बार तारीख पड़ने से मामला लटकता जा रहा हैं . इसका खामियाजा अभ्यर्थियों को बेरोजगारी के रूप में भुगतना पड़ रहा। अभ्यर्थी कहते हैं कि सरकार चाहे तो तेजी से सुनवाई के लिए प्रभावी प्रयास कर सकती है, लेकिन ऐसा होते नहीं दिख रहा।

मंत्री आवास घेराव के बाद मायावती निवास पहुंचे अभ्यर्थी

अभ्यर्थियों ने इससे पहले बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव कर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की थी। उनकी मांग एक ही है- नियुक्ति दो या स्पष्ट जवाब दो। सरकार की चुप्पी और भर्ती प्रक्रिया की अनिश्चित राह से अभ्यर्थियों में रोष बढ़ता जा रहा है।

अभ्यर्थियों की शिकायतें

  • . कोर्ट का मामला लंबा खिंच रहा. कट-ऑफ विवाद और मेरिट निर्धारण में भ्रम.  चयन सूची जारी होने के बाद भी काउंसलिंग और नियुक्ति न होना.  आर्थिक और मानसिक संकट गहरा रहा
  • कई अभ्यर्थी उम्र पार कर चुके हैं और अब नौकरी मिलने की उम्मीद भी धुंधली होती जा रही है।

5 साल से संघर्ष, अब आंदोलन का तेवर तीखा

  • भर्ती परीक्षा 2019 में कराई गई थी।उसके बाद:
  • . चयन प्रक्रिया पर कई बार रोक लगी. विवाद अदालत तक पहुँचा. सहायक अध्यापक पद रिक्त ही पड़े हैं

अभ्यर्थियों का कहना है कि पाँच साल हो गए, न नौकरी मिली और न भविष्य की कोई गारंटी। हम कब तक इंतजार करें। 

 पुलिस और PAC की तैनाती-घटना स्थल पर कड़ा पहरा 

मायावती के आवास के बाहर सुरक्षा बेहद कड़ी रखी गई। बैरिकेडिंग लगाई गई। किसी भी तरह के उग्र प्रदर्शन पर रोक के आदेश। अभ्यर्थियों को शांत रहने की अपील। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि
स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और बातचीत से समाधान निकाला जाएगा।

निर्वाचन से पहले राजनीतिक मोड़ भी संभव

सियासी जानकारों का मानना है कि अभ्यर्थियों का मुद्दा चुनावी रूप ले सकता है ,मायावती यदि मजबूती से इस मुद्दे पर उतरती हैं तो BSP को युवा वर्ग का समर्थन मिल सकता है। सरकार पर दबाव और बढ़ेगा .कई अभ्यर्थियों ने साफ कहा कि राजनीति में जब वोट चाहिए होते हैं तो सब भरोसा दिलाते हैं। अब हमारे साथ खड़े होकर दिखाएँ।

क्या है अभ्यर्थियों की मांग

  • . कोर्ट में मजबूत पक्ष रखा जाए
  • . सभी योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति जल्द हो
  • . भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता हो
  • . भविष्य के लिए स्पष्ट भर्ती नीति बने

भविष्य को लेकर बढ़ती बेचैनी

एक अभ्यर्थी ने भावुक होकर कहा कि घर वाले सवाल करते हैं, कब नौकरी मिलेगी। क्या पढ़ाई-लिखाई बेकार हो गई। हम आंसू बहा रहे हैं, कोई सुनने वाला नहीं। कई अभ्यर्थी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। किसी ने कर्ज लेकर पढ़ाई की, तो कोई नौकरी न मिलने से अवसाद में है।

क्या कहती है सरकार

  • सरकारी पक्ष के अनुसार मामला कोर्ट में है
  • सरकार कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करती है
  • निर्णय आने के बाद ही नियुक्ति संभव है
  • लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि इसी बहाने मुद्दा टाला जा रहा है।