Charlotte Chopin Yoga Routine (फोटो सोर्स: The New York Times)
Charlotte Chopin Yoga Routine : क्या आपने कभी सोचा है कि 100 साल से ज्यादा की उम्र में भी कोई इंसान पूरी तरह एक्टिव, लचीला और जिंदादिल कैसे रह सकता है? आज हम आपको मिला रहे हैं फ़्रांस की 102 साल की करिश्माई योग टीचर, शार्लेट शोपें (Charlotte Chopin) से जिनकी स्टोरी आपको जिंदगी जीने का एक नया नजरिया दे सकती है। शार्लेट जी ने कोई सीक्रेट जादुई दवाई नहीं ली बल्कि उनकी जिंदगी का हर दिन एक ऐसी कला है जो हर उम्र के लोगों को प्रेरित कर रही है।
ज्यादातर लोग जहां 50 की उम्र में आराम करना शुरू कर देते हैं, शार्लेट जी ने तब योग की शुरुआत की थी। एक दोस्त के कहने पर रोजमर्रा के कामों से ब्रेक लेने के लिए उन्होंने योग करना शुरू किया और 60 की उम्र तक आते-आते वे खुद टीचर बन गईं।
आज 102 साल की उम्र में भी वह न केवल खुद आसन करती हैं बल्कि सप्ताह में तीन बार नियमित रूप से क्लास भी लेती हैं।
नियमितता (Consistency): रोज थोड़ा-थोड़ा करना, बिना नागा किए।
खुशी (Enjoyment): काम को बोझ नहीं, बल्कि मजे से करना।
संतुलित दिनचर्या (Balanced Routine): सुबह की शुरुआत शांति और पौष्टिक नाश्ते से करना।
उनका सुबह का रूटीन बहुत सादा है: हल्की चाय-कॉफी, बटर टोस्ट, और कभी-कभी जैम या शहद। इसके बाद वे बाहर समय बिताती हैं और गहरी सांस लेने के व्यायाम करती हैं। उनका मानना है मुझे कोई ज्यादा दिक्कत नहीं है, क्योंकि मैं वो काम करती हूँ जो मुझे पसंद है।
फ़्रांस के एक छोटे से गांव लेरे (Léré) में शार्लेट जी का योगा स्टूडियो किसी जमाने में एक पुलिस स्टेशन हुआ करता था। पुरानी जेल की कोठरियां अब चेंजिंग रूम बन गई हैं। यह जगह उनकी अटूट भावना का प्रतीक है।
जब वह वॉरियर पोज (Warrior Pose) जैसे आसन करती हैं तो उनकी छोटी सी काया भी मजबूती, लचीलेपन और संतुलन की मिसाल बन जाती है। उनके 35 से 60 साल तक के स्टूडेंट्स उन्हें देखते हैं तो बस यही सीखते हैं कि अनुशासन और लगन से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है।
योग सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी शांत रखता है। विज्ञान भी मानता है कि लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य का सीधा संबंध तनाव-मुक्त जीवन और नियमित शारीरिक गतिविधि से है। योग का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है और यह शार्लेट जी जैसे योगियों की ही देन है कि आज योग दुनिया भर में इतना लोकप्रिय हो चुका है।
शार्लेट शोपें की सेहत का एक और अहम पहलू है सामाजिक जुड़ाव (Social Bonds)।
वह मानती हैं कि शरीर को एक्टिव रखने के साथ-साथ, दोस्तों और स्टूडेंट्स के साथ खुलकर हंसना, बातें करना और एक-दूसरे को प्रेरित करना भी उतना ही जरूरी है। उनके स्टूडेंट उन्हें बहुत प्यार करते हैं और मानते हैं कि शार्लेट जी उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
यह सिर्फ एक भावना नहीं है: कई वैज्ञानिक अध्ययन (Scientific Studies) यह बताते हैं कि जिन लोगों का सामाजिक दायरा मजबूत होता है, वे अकेले रहने वालों की तुलना में ज्यादा लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीते हैं। शार्लेट जी की क्लासें एक कम्युनिटी (Community) की तरह हैं, जहां सभी एक-दूसरे को मानसिक और शारीरिक रूप से सहारा देते हैं।
शार्लेट जी की योग साधना और दृढ़ता ने सिर्फ गांव वालों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है।
99 साल की उम्र में उन्होंने फ़्रांस के एक बड़े टैलेंट शो 'La France a un Incroyable Talent' में मंच पर एक दर्जन मुश्किल योग आसन करके सबको चौंका दिया था। उनकी इस उपलब्धि को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी सराहा और उन्हें योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए एक नागरिक सम्मान (Civilian Honor) से नवाजा।
शार्लेट शोपें ने 100 साल की उम्र में कार चलाते समय एक दुर्घटना में अपनी छाती की हड्डी (Sternum) तोड़ ली थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ तीन महीनों में योग पर वापसी कर ली उनकी ये कहानी बताती है कि लचीलापनसिर्फ शरीर में नहीं, बल्कि मन और इरादों में भी होना चाहिए।
उनका सीधा और सरल मंत्र है: रोज थोड़ा चलें, स्ट्रेच करें, हंसें, रिश्तों को मजबूत रखें और सबसे अहम: जो करें उसमें खुश रहें।
शार्लेट शोपें की जिंदगी हमें सिखाती है कि लंबी और स्वस्थ लाइफ जीने के लिए किसी चमत्कार की जरूरत नहीं है बस नियमितता, उद्देश्य और खुश रहने की इच्छा होनी चाहिए।
Published on:
13 Oct 2025 07:05 pm
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