Cheraman Juma Masjid History: पाक-ए- माह रमजान शुरू हो चुका है। इस्लाम धर्म के लिए ये महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में भारत में इस्लाम धर्म कैसे शुरू हुआ और इसको लेकर अधिकतर लोग कहते हैं कि मुगलों के साथ भारत में इस्लाम आया। मगर, ये पूरा सच नहीं है। दरअसल, भारत में इस्लाम की शुरुआत की कहानी केरल के चेरामन जुमा मस्जिद से। इस मंदिर को एक राजा ने बनवाया था और इसका ढांचा भी मंदिर नुमा है। आइए, हम भारत के सबसे पहले और दुनिया के दूसरे सबसे पुरानी मस्जिद के इतिहास को समझते हैं।
दुनिया की सबसे पुरानी मस्जिदों की बात आती है तो चेरामन जुमा मस्जिद का जिक्र आता है। ये दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद है। केरल की सरकारी वेबसाइट के अनुसार, 629 ईस्वी में केरल के त्रिशूर में इसे बनाया गया था।
जबकि, मुगल पहली बार साल 1526 ईस्वी में भारत आए थे। इससे ये साफ हो जाता है कि मुगलों से पहले ही भारत में इस्लाम का प्रवेश हो चुका था। साथ ही ये भी जान लें कि भारत की पहली मस्जिद भी मुगल नहीं बनाए थे।
इतिहासकार ये बताते हैं कि जब केरल में भारत की पहली मस्जिद बनी तब चेरामन पेरुमल का शासन था। दरसअल, उस वक्त दक्षिण के राजा व्यापार करने अरब देश जाते थे। उसी दौरान वे इस्लाम धर्म को लेकर प्रभावित हुए थे। बताया जाता है कि चेरामन पेरुमल वंश अरब में मोहम्मद साहेब के विचारों से प्रभावित होकर इस्लाम की ओर चल पड़े। केरल में मस्जिद बनाने के लिए मलिक इब्न दीनार को भेजा गया।
कहा ये भी जाता है कि चेरामन पेरुमल इस्लाम से इस कदर प्रभावित हुए कि वो राजपाट त्याग कर (बेटे को सौंप दिया) मोहम्मद साहेब से मिलने चले गए। ये सिलसिला चेरामन वंश ने जारी रखा। दक्षिण का ये राजवंश इस्लाम धर्म की शरण में जाता रहा और 1096 ईसवी तक खत्म हो गया। हालांकि, ये भी कहा जाता है कि चेरामन पेरुमल ने कभी धर्म नहीं बदला था।
दीनार ने इस मस्जिद का निर्माण केरल की वास्तुशैली के हिसाब से की। इतिहासकार बताते हैं कि इस मस्जिद का निर्माण पैगोड़ा की तरह किया गया। इसलिए ये देखने में मंदिर नुमा है। हालांकि, दक्षिण के अधिकतर मंदिरों को इस तरह से बनाया गया है।
ये थी भारत की पहली मस्जिद की कहानी।
Published on:
02 Mar 2025 03:42 pm