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Health Alert: आंखों का फड़कना अपशगुन नहीं, हो सकता है इन विटामिन्स की कमी का संकेत

Health Alert: क्या आप जानते हैं कि विज्ञान के नजरिए से आंख का फड़कना शरीर में कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी का भी संकेत हो सकता है? जानिए आखिर आंखें फड़कने का कारण क्या है।

2 min read

भारत

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MEGHA ROY

Oct 14, 2025

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Health tips for eye twitching|फोटो सोर्स – Freepik

Health Alert: अक्सर जब हमारी आंख फड़कने लगती है, तो लोग इसे किसी शुभ या अशुभ संकेत से जोड़ देते हैं।किसी को लगता है कि यह आने वाले किसी अच्छे समाचार का संकेत है, तो कोई इसे अपशगुन मान लेता है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि विज्ञान के नजरिए से आंख का फड़कना शरीर में कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी का भी संकेत हो सकता है? जानिए आखिर आंखें फड़कने का कारण क्या है।

मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम एक ऐसा मिनरल है जो मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को सही तरीके से काम करने में मदद करता है। जब शरीर में इसकी मात्रा कम हो जाती है, तो मांसपेशियां जरूरत से ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे आंखों की पलकें बार-बार फड़कने लगती हैं।

पोटैशियम की कमी

पोटैशियम भी शरीर के लिए जरूरी इलेक्ट्रोलाइट है जो मांसपेशियों के संकुचन और तंत्रिका संकेतों को कंट्रोल करता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में झटके या ऐंठन हो सकती है, जिसका असर आंखों की पलकों पर भी पड़ सकता है।

विटामिन B12 की कमी

विटामिन B12 हमारे नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है और नतीजा ये होता है कि मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करतीं जिससे आंख फड़कने जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। यह कमी खासतौर पर उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो पूरी तरह शाकाहारी हैं।

नींद और तनाव का असर

अगर आपकी आंखें फड़क रही हैं और पोषण की कोई कमी नहीं है, तो इसके पीछे नींद की कमी और तनाव सबसे आम वजहें हो सकती हैं। लगातार तनाव में रहने या ठीक से आराम न मिलने से शरीर में कॉर्टिसोल नाम का हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे तंत्रिकाएं ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं और पलकों की मांसपेशियां फड़कने लगती हैं।

आंख फड़कने से बचाव के उपाय

  • विटामिन B12, मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, अंडे, नट्स और फल अपनी डाइट में शामिल करें।
  • शरीर में पानी की कमी से भी मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
  • नींद की कमी आंखों पर सीधा असर डालती है। हर रात 7–8 घंटे की नींद जरूरी है।
  • मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन को लंबे समय तक लगातार देखने से आंखों पर दबाव बढ़ता है। हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए आंखों को आराम दें (20-20-20 rule)।
  • ड्रायनेस भी आंख फड़कने की वजह बन सकती है। आई ड्रॉप्स या गुलाबजल से आंखों को हाइड्रेट रखें।
  • ज्यादा चाय, कॉफी या नमकीन चीजें मांसपेशियों को उत्तेजित कर सकती हैं, जिससे फड़कन बढ़ सकती है।