Zoho Mail vs Gmail (Image: Google Play Store)
Zoho Mail vs Gmail: भारत में इन दिनों एक सर्विस देने वाली कंपनी तेजी से चर्चा हो रही है। इस कंपनी का नाम ज़ोहो कॉर्पोरेशन (Zoho Corporation) है। यह टेक्नोलॉजी सर्विस सेक्टर में काम करती है। इसी कंपनी ने Arattai App, Ulaa ब्राउजर बनाया है। इसके आलावा ईमेल सर्विस के क्षेत्र में भी यह देशी कंपनी मौजूद है। Gmail को टक्कर देने के लिए Zoho Mail प्लेटफॉर्म बनाया है। लोग अब स्वदेशी कंपनी की तरह अपने कदम बढ़ा रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी Gmail से Zoho Mail पर स्विच करने की सोच रहे हैं, तो पहले इसके कुछ बेहतरीन फीचर्स जान लीजिए, जो इसे Gmail से कहीं ज्यादा बेहतर बनाते हैं।
Zoho Mail का सबसे बड़ा फायदा इसकी फाइल साइज लिमिट है। जहां Gmail में आप सिर्फ 25MB तक की फाइल अटैच कर सकते हैं वहीं Zoho Mail से 1GB तक की फाइल भेज सकते हैं। अगर आपकी फाइल इससे भी बड़ी है तो Zoho खुद ही उसका लिंक जनरेट कर देता है जिससे फाइल शेयर करना और आसान हो जाता है। इससे यूजर्स को Google Drive या किसी दूसरी क्लाउड सर्विस का सहारा नहीं लेना पड़ता।
Zoho Mail में S/MIME एन्क्रिप्शन फीचर मिलता है जो आपके ईमेल्स को और ज्यादा सुरक्षित बनाता है। यह फीचर स्टैंडर्ड TLS सिक्योरिटी से एक कदम आगे है, क्योंकि यह ईमेल के कंटेंट और अटैचमेंट्स दोनों को डिजिटल सिग्नेचर के जरिए प्रोटेक्ट करता है। इसका मतलब है कि आपके ईमेल को बीच में कोई भी इंटरसेप्ट नहीं कर सकता जिससे बिजनेस कम्युनिकेशन और प्राइवेट डेटा सुरक्षित रहता है।
अगर आपका इनबॉक्स ईमेल्स से भरा रहता है तो Zoho Mail का Smart Filter फीचर आपकी बहुत मदद करेगा। यह फीचर अपने आप आने वाले ईमेल्स को नोटिफिकेशन, न्यूजलेटर्स और प्रायोरिटी मेल्स जैसे अलग-अलग फोल्डर्स में कैटेगराइज कर देता है। इससे इनबॉक्स साफ-सुथरा रहता है और जरूरी मेल्स तक पहुंचना बेहद आसान हो जाता है।
Zoho Mail न सिर्फ आम यूजर्स बल्कि कॉर्पोरेट यूजर्स के लिए भी काफी उपयोगी है। इसमें कंपनियों को Email Retention और eDiscovery जैसे एडवांस्ड फीचर्स मिलते हैं। इनके जरिए कंपनियां अपने ईमेल्स का बैकअप स्टोर कर सकती हैं और जरूरत पड़ने पर किसी पुराने ईमेल या डेटा को लीगल या ऑडिट पर्पस के लिए तुरंत खोज सकती हैं। इससे डेटा मैनेजमेंट और सुरक्षा दोनों में सुविधा मिलती है।
Zoho Mail सिर्फ ईमेल भेजने या पाने तक सीमित नहीं है। इसमें आपको Notes, Calendar, Contacts और Bookmarks जैसे कई जरूरी टूल्स भी मिलते हैं। इसका मतलब है कि आपको अलग-अलग ऐप्स में स्विच करने की जरूरत नहीं पड़ती है सारे जरूरी काम एक ही जगह हो जाते हैं। इससे वर्कफ्लो स्मूथ रहता है और समय की बचत होती है।
Zoho Mail अपनी सुरक्षा, प्रोडक्टिविटी और लोकल सर्वर सपोर्ट की वजह से भारतीय यूजर्स के बीच तेजी से पॉपुलर हो रहा है। जहां Gmail गूगल के इकोसिस्टम से जुड़ा हुआ है वहीं Zoho अपने प्राइवेसी-केंद्रित प्लेटफॉर्म के जरिए उन लोगों को आकर्षित कर रहा है जो डाटा सिक्योरिटी और इंडियन सर्वर सपोर्ट को प्राथमिकता देते हैं।
अगर आप भी Gmail का कोई विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो Zoho Mail एक बेहतरीन चॉइस साबित हो सकता है, खासकर उनके लिए जो चाहते हैं कि उनका डेटा भारत में सुरक्षित रहे और उन्हें बड़े अटैचमेंट्स, स्मार्ट फिल्टरिंग और बेहतर कंट्रोल जैसी सुविधाएं एक ही जगह मिलें।
Published on:
10 Oct 2025 03:58 pm
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