
TRAI and DOT Mandatory Caller Name (Image: Freepik)
TRAI and DOT Mandatory Caller Name: देश के करोड़ों यूजर्स को अब राहत मिलने वाली है। दरअसल, अब मोबाइल यूजर्स को फर्जी और धोखाधड़ी वाली कॉल्स से छुटकारा दिलाने के लिए TRAI यानि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया और DoT यानि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एक नया सिस्टम शुरू करने का फैसला लिया है। इससे हर कॉल पर कॉल करने वाले का नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगा। इसका मतलब है कि अब आपको यह जानने के लिए किसी थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सरकार ने इस नए फीचर का नाम Calling Name Presentation (CNAP) रखा है। अब जब भी कोई कॉल आएगी तो मोबाइल स्क्रीन पर उस व्यक्ति का वही नाम दिखेगा जो उसने केवाईसी प्रक्रिया के दौरान अपने मोबाइल नंबर पर दर्ज किया होगा।
इससे यूजर्स को तुरंत पता चल जाएगा कि कॉल करने वाला व्यक्ति असली है या फर्जी है। यह सिस्टम ट्रूकॉलर की तरह काम करेगा लेकिन अंतर महज इतना रहेगा कि इसमें डेटा सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रहेगा और किसी निजी कंपनी के पास नहीं जाएगा।
पिछले कुछ सालों में फर्जी कॉल्स, बैंक फ्रॉड और स्पैम कॉल्स के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। अक्सर लोग बैंक या कंपनी के नाम पर आए कॉल पर भरोसा कर लेते हैं और अपनी निजी जानकारी या OTP शेयर कर देते हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए TRAI और DoT ने मिलकर यह कदम उठाया है ताकि कॉलर की पहचान पहले से हो सके और धोखाधड़ी पर लगाम लगाया जा सके।
जब कोई व्यक्ति कॉल करेगा तो उसकी जानकारी केवाईसी डेटाबेस से ली जाएगी और रिसीवर के मोबाइल स्क्रीन पर नाम अपने आप दिखाई देने लग जाएगा।
इस बात को एक उदाहरण से समझें तो, अगर किसी का नाम मोबाइल कनेक्शन के समय अनुराग के नाम से दर्ज है तो कॉल आने पर स्क्रीन पर 'अनुराग कालिंग' जैसा मैसेज स्क्रीन पर दिखाई देगा।
इससे यूजर्स को कॉल उठाने से पहले ही पता चल जाएगा कि कॉल करने वाला कौन है। यह फीचर ट्रूकॉलर की तरह ही काम करेगा लेकिन इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूरी तरह सरकारी सिस्टम से जुड़ा होगा।
हालांकि यह फीचर सभी यूजर्स के लिए लागू होगा लेकिन कुछ खास लोगों को इससे छूट दी जाएगी। जिनके पास CLIR (Calling Line Identification Restriction) सुविधा होगी उनके नाम स्क्रीन पर नहीं दिखाए जाएंगे। इसमें जैसे सुरक्षा एजेंसियां, सरकारी विभाग या वीआईपी लोग शामिल हैं। इन मामलों में पहले सिक्योरिटी की जांच-पड़ताल की जाएगी और फिर उन्हें छूट दी जाएगी।
ट्राई ने बताया कि इस फीचर का ट्रायल मुंबई और हरियाणा सर्किल में पहले ही किया जा चुका है जो सफल रहा है। अब इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। इससे फर्जी कॉल्स, धोखाधड़ी और स्पैम कॉल्स में बड़ी कमी आने की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि यह कदम भारत में डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा साथ ही मोबाइल यूजर्स को एक सुरक्षित कॉलिंग एक्सपीरियंस भी मिलेगा।
Published on:
29 Oct 2025 05:55 pm
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