
आशीष जोशी
आज कोटा संस्करण के उन लाखों पाठकों का आभार व्यक्त करने का दिन है, जिन्होंने हर मोड़ पर परिवार के अभिन्न सदस्य की तरह पत्रिका का साथ दिया। यह आपके आशीर्वाद, शुभकामनाओं और सहयोग का ही प्रतिफल है कि हाड़ौती की इस पावन धरा पर पत्रिका का सफर सतत ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। गौरवशाली अतीत और वैभवशाली विरासत की मजबूत नींव पर खड़े कोटा का सपना सकारात्मक सोच के साथ सही दिशा में आगे बढऩा है। जस माटी ने सबसे ज्यादा डॉक्टर-इंजीनियर दिए, जहां सबसे ज्यादा विद्यार्थियों की जीत की गौरवगाथाएं हैं, वहां भविष्य की तस्वीर भी सुनहरे रंगों से ही गढ़ी जाएगी। ‘शिक्षा की काशी’ में हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमसे ऐसे कोई काम न हों, जिन पर आने वाली पीढ़ियां सवाल खड़े करें। जो कर रहे हैं, उसका परिणाम भले अभी नहीं दिख रहा हो लेकिन आने वाले समय में कोटा नई कहानी लिखेगा। हम सबको मिलकर मील के ऐसे पत्थर स्थापित करने होंगे, जो हर उस किशोर और युवा को सही मार्ग दिखाए, जो यहां आकर अपने सपने साकार करने की ख्वाहिश रखता हो।
39 साल की उम्र को यौवन का उत्कर्ष माना जाता है। जल, जमीन और जंगल की इस धरा पर राजस्थान पत्रिका कोटा संस्करण ने भी 39 साल का सफर पूरा कर लिया है। हम 40वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। पत्रिका ने 12 मार्च 1986 को जब चम्बल की धरा पर कदम रखे थे तभी सुनिश्चित हो गया था कि सबके साथ शुरू हुआ विश्वास और आस का यह सफर इतिहास रचेगा। हमारे सुधि पाठकों के स्नेह की छांव तले यह पौधा धीरे-धीरे अपनी जड़ों को फैलाता गया।
जब भी यहां के ‘अर्थ’ की ‘व्यवस्था’ डगमगाई, पत्रिका कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ा हुआ। चाहे कोटा कॉन्क्लेव के जरिए कोटा की इकोनॉमी के सैकंड ऑप्शन के मंथन की पहल हो, या फिर स्टूडेंट सुसाइड के मामले में कोचिंग सिटी की सही तस्वीर दिखाने की बात… क्षेत्र के विकास में पत्रिका का क्या योगदान है, यह हमारे सुधि पाठक बखूबी जानते हैं। एक बात का संतोष हमेशा रहता है कि हाड़ौती की प्रगति और क्षेत्रवासियों की सहूलियतों के लिए पत्रिका हमेशा आगे खड़ा रहा और आमजन से जुड़े हर मुद्दे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आप सबका साथ संघर्ष करने की हिम्मत देता रहा।
हाड़ौती में विश्वास के पर्याय के रूप में पत्रिका ने किस तरह चार दशक की यात्रा पूरी की, वह सबके सामने है। इस सफर के साक्षी वे सभी सुधि पाठक हैं जिन्होंने कदम-कदम पर साथ दिया। हमें आगे बढऩे के लिए न केवल प्रेरित किया, बल्कि तंत्र से मजबूती से लोहा लेने के लिए संबल भी दिया। आमजन की आवाज बन सके इसके लिए पूरी ताकत से सुर दिए। ट्रिपल आईटी की स्थापना हो या फिर ऑक्सीजोन के लिए लम्बे संघर्ष की दास्तां, पत्रिका ने हमेशा जन सरोकारों की पत्रकारिता की।
‘शहर मांगे केडीए’ अभियान के जरिए क्षेत्र के विकास के लिए पुरजोर तरीके से हक की बात रखी तो डीसीएम रोड और हैंगिंग ब्रिज के लिए भी पत्रिका की मुहिम रंग लाई। चाहे कोटडी फ्लाईओवर का मामला हो या हमारी जीवनरेखा नहरों के जीर्णोद्धार की बात, पत्रिका के प्रति जनता का विश्वास ही था कि हर मुद्दे पर जनता एक आवाज पर एकजुट होकर शहर के लिए संघर्ष को तैयार हो जाती। सिटी बस सेवा, सरोवर व मल्टीपरपज की पार्किंग… अननिगत सौगातें हैं जो पत्रिका के कारण ही कोटा को मिली। …और एयरपोर्ट के लिए पत्रिका मुहिम को भला कौन भूल सकता है? हाल ही में बजट में घोषित मिनी सचिवालय, मथुराधीश कोरिडोर और रायपुरा फ्लाईओवर भी पत्रिका अभियानों की ही देन है।
आज यह विश्वास दिला सकते हैं कि शहर और समाज हित में आपकी हर पहल को पत्रिका सदैव मजबूती से आगे बढ़ाता रहेगा। विश्वास और सहयोग का यह कारवां अभी तो अपने छोटे से पड़ाव तक पहुंचा है। उत्साह, उम्मीद और ऊर्जा से लबरेज इस साथ को अभी कई मुकाम और हासिल करने हैं।
इस साथ के लिए आपका साधुवाद।
ashish.joshi@epatrika.com
Published on:
12 Mar 2025 01:01 pm
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